पर्यावरण संरक्षण का अलख जगाने निकलेंगी नर्मदा संरक्षण, संभावना यात्रा

सुभाष जयंती पर समापन समारोह को संबोधित करेंगे प्रधानमंत्री

अनोखा तीर, हरदा। नर्मदा घाटी को संरक्षित करने हेतु अमृत वन संरक्षण संस्थान द्वारा पर्यावरणविद गौरीशंकर मुकाती के नेतृत्व में नर्मदा संरक्षण-संभावना यात्रा का आयोजन किया जा रहा है। जो 2 जनवरी 2025 को हरदा जिले के हंडिया तट से प्रारंभ होगी तथा 23 जनवरी सुभाष जयंती पर इसका समापन होगा। यात्रा के समापन समारोह को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संबोधित किया जाएगा। पिछले तीन दशकों से पर्यावरण संरक्षण और वृक्षारोपण के माध्यम से किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने की दिशा में कार्य करने वाले पर्यावरण प्रेमी गौरीशंकर मुकाती द्वारा बीते दो वर्षों में हरदा व नर्मदापुरम जिले में किसानों की सहमति हासिल कर उनके खेतों की मेड़ों पर एक करोड़ 20 लाख पौधों का रोपण करते हुए जहां किसानों की भविष्य निधि तैयार करने का कार्य किया गया है, तो वहीं कार्बन क्रेडिट के क्षेत्र में भी अनुठी पहल की गई है। इसी क्रम में अब उन्होंने मध्यप्रदेश की जीवन रेखा कहलाने वाली नर्मदा नदी के सरंक्षण और उसके तटवर्ती क्षेत्रों में किसानों को प्रेरित करते हुए महा वृक्षारोपण अभियान चलाने की कार्ययोजना भी बनाई है। इसी तारतम्य में आज आयोजित एक पत्रकारवार्ता दौरान श्री मुकाती ने जानकारी देते हुए बताया कि हम सभी जानते हैं कि नदियां मानव विकास की संवाहक और नदी घाटियां हमारी सभ्यता और जीवन शैली की पोषक रही हैं, जो दुर्भाग्य से औद्योगिक क्रांति और विकास की आंधी में अपनी पहचान खोती जा रही हंै। परिणाम विनाशकारी पर्यावरणीय असंतुलन के रूप में हमारे सामने है, जो सम्पूर्ण सृष्टि के अस्तित्व को चुनौती प्रस्तुत कर रहा है। इस जटिल मानवीय त्रासदी में सबसे बड़ी भूमिका भी हमारी ही है, अत: इसके समाधान के लिए भी हम सभी को आगे आना होगा। समस्या के निराकरण में जुटे विभिन्न समाजसेवी, पर्यावरणविदों से चर्चा के बाद यह निष्कर्ष निकला कि इस हेतु एक प्रभावी सामाजिक आंदोलन की आवश्यकता है। इसके लिए सर्वप्रथम नर्मदा एवं नर्मदा घाटी का चयन किया गया है। श्री मुकाती ने कहा कि सम्पूर्ण नर्मदा घाटी में वर्ष 2030 तक हमने 50 करोड़ पौधों के रोपण का लक्ष्य रखा है, जो कि समाज की भागीदारी एवं जागरुकता के बिना यह सम्भव नहीं है। यात्रा का शुभारंभ पर्यावरण हितैषी, खेती करने वाले वनवासी कृषक, अपनी भविष्य निधि हेतु अपने खेतों की मेड़ो पर करोड़ो पौधे रोपण करने वाले कृषकों एवं नर्मदा संरक्षण में पहले से ही जुटे हुए धार्मिक संस्थाओं के प्रणेताओं की उपस्थिति में किया जाएगा। यात्रा 20 दिनों में सम्पूर्ण नर्मदा की परिक्रमा वाहनों से पूर्ण होगी, जिसमें हर जिला एवं तहसील स्तर पर जागरूकता सभाएं एवं टीम निर्माण का कार्य किया जाएगा। इस दौरान संबंधित जिला विशेष की मिट्टी, जलवायु, फसल चक्र, संस्कृति, की विविधता के अध्ययन हेतु टीम में विषय विशेषज्ञ रहेंगे, जो इन विषयों का अध्ययन कर क्षेत्र में पर्यावरण संरक्षण की संभावना पर अपनी रिपोर्ट बनाएंंगे। यात्रा कुल बीस जिलों से होकर गुजरेगी, जो हरदा जिले में नर्मदा के नाभिकुंड हंडिया से प्रारंभ होकर खंडवा, खरगोन, बड़वानी, राजपिपला, भड़ूच, दबोहि, अलीराजपुर, मनावर महेश्वर, खातेगांव, नसरुल्लागंज, उदयपुरा, जबलपुर, मंडला, उमरिया, शहडोल, अमरकंटक, डिंडोरी, नरसिंहपुर, नर्मदापुरम होते हुए हरदा आएगी। यात्रा का समापन देश में स्वच्छता के प्रणेता, पर्यावरण के प्रति अत्यधिक संवेदनशील, किसान एवं नारी शक्ति की राह के प्रवर्तक देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं देश विदेश की अनेकों पर्यावरण हितेषी संस्थाओं की उपस्थिति में होना प्रस्तावित है। उन्होंने बताया कि इस हेतु सम्पूर्ण कार्ययोजना पर कार्य जारी है। इस अभिनव यात्रा का समापन 23 जनवरी को नेताजी सुभाषचंद्र बोस की जयंती पर होगा।

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