अनोखा तीर, भैरुंदा (नसरुल्लागंज)। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान को इतना लाचार और हताश कभी नहीं देखा। स्थिति यह है कि उनके स्वयं के द्वारा मुख्यमंत्री रहते अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण करने की जो घोषणा की गई थी उस पर अमल नहीं होने से अतिथि शिक्षक ठोकरे खा रहे हैं। उक्त बातें कांग्रेस नेता विक्रम मस्ताल शर्मा ने कही। शर्मा ने कहा कि रविवार को जब शिवराज सिंह चौहान का काफिला खातेगांव की ओर जा रहा था तभी अतिथि शिक्षकों के द्वारा भैरुंदा मैं रोक कर उन्हें अपनी आपबीती सुनाई थी। अतिथि शिक्षकों को आश्वासन देते हुए उन्होंने कहा था कि मैं मंत्री से इस संबंध में बात करूंगा। ऐसा लगता है कि मध्य प्रदेश में अब शिवराज सिंह चौहान की पूछ परख सरकार में नहीं हो पा रही। इसलिए उन्हें अपनी द्वारा की गई घोषणा को पूरी करवाने के लिए मंत्री से बात करने का आश्वासन दिया गया है। शर्मा ने बताया कि ऐसा लगता है कि चार बार के मुख्यमंत्री रहते हुए भी प्रदेश सरकार में उनकी सुनवाई नहीं हो रही। उन्होंने आरोप लगाया कि मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनाने के लिए उन्होंने जो झूठ बोले थे इसकी हकीकत अब सामने आ रही है। उन्होंने जनता को गुमराह किया और जनता ने उन्हें अपना वोट दिया। लेकिन भाजपा के नेतृत्व में उन्हें मुख्यमंत्री ना बनाते हुए किसी अन्य को प्रदेश की कमान सौंप दी। अब शिवराज सिंह चौहान के द्वारा किए गए वादों को प्रदेश की मोहन सरकार पूरा करने की बजाय एक के बाद एक नकारती जा रही है। अतिथि शिक्षक महीनों से आदेश का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जा रहा है। वर्षों से जिन अतिथियों के द्वारा शिक्षा का भार अपने कंधों पर उठा रखा था उन्हें सरकार के द्वारा एक झटके में ही बाहर कर दिया गया। आखिर प्रदेश की सरकार चाहती क्या है। शर्मा ने बताया कि निश्चित तौर पर केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान की पूछ परख अब मध्य प्रदेश में नहीं हो रही। इसी का कारण है कि उन्हें अपनी घोषणा को पूरी करवाने के लिए ही बात किए जाने की बात कहना पड़ रही है।
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