पोते पोती के रूप में घर आंगन में फिर लौट आता है बचपन- इंद्रजीत सिंह

भैरुंदा (नसरुल्लागंज)। बच्चे घर की खुशियां होते हैं, और उनके घर में रहने से आंगन में बड़े बुजुर्गों का बचपन फिर से लौट आता है। उक्त बातें इंद्रजीत सिंह भाटी के द्वारा दादा दादी दिवस के मौके पर कही। वह राय साहब भंवर सिंह यूरो किड्स स्कूल मैं आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि घर के बुजुर्ग पोते-पोतियों में अपना बचपन एक बार फिर देखते हैं। वैसे तो हम हमारे बचपन की अधिकतर बातें भूल जाते हैं। लेकिन कुछ झलकियां जीवन में याद रहती है। परंतु पोते- पोती के रूप में हमारा बचपन घर आंगन में एक बार फिर लौट आता है। साथ ही खुशनसीब होते हैं ऐसे दादा-दादी, नाना- नानी जो अपना बचपन पोते पोतियों के रूप में देख पाते हैं और उससे भी खुशनसीबी की बात उन नौनीहालों के लिए होती है जिनके घर में दादा-दादी रहते हैं। वरना आज का माहौल तो कुछ और ही होता जा रहा है। उन्होंने कहा कि पुरानी पीड़ियों का अनुभव जब तक हम इस टेक्नोलॉजी की दुनिया में नहीं लेंगे तो हमारा ज्ञान विवेक शून्य ही रहेगा। छात्र को परिवार से ही संघर्ष, धैर्य, लगन, उत्साह, उमंग, लगाव,शिष्टाचार, अनुशासन आदि अनेक नैतिक गुणों का बीजारोपण किया जाना चाहिए। ताकि विद्यालय इन गुणों को विकसित और पुष्पित करके विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास कर सके। तभी परिवार के पारिवारिक मूल्यों को हम परंपरागत तरीकों से एक पीढ़ी से दूसरी पीढ़ियों में हस्तांतरित कर सकेंगे। संस्था के द्वारा कार्यक्रम के मौके पर दादा-दादी और नाना नानी को आमंत्रित कर उनका सम्मान किया गया। इस अवसर पर विद्यालय में अनेक कार्यक्रम संपन्न हुए। जिसमें तीन से चार साल के पोते पोतियों ने अपने दादा-दादी और नाना नानी के साथ सहभागिता निभाते हुए खेल खेले। जिसमें आंखों पर पट्टी बांधकर “पार्सल पास” करने जैसे मनोरंजक गतिविधि प्रमुख थी। यह अवसर आपसी संवाद से इस पल को यादगार बनाने में महत्वपूर्ण रहा। आशा की जाती है कि विद्यालय में ऐसे कार्यक्रम हम मनाते रहेंगे। इस अवसर पर संस्था संचालक श्री राय साहब इंद्रजीत सिंह भाटी छात्र-छात्राएं एवं उनके दादा-दादी और नाना नानी एवं विद्यालय परिवार के  शिक्षक शिक्षिकाओं सहित समस्त स्टाफ उपस्थित थे।

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