अनोखा तीर, खिरकिया। खिरकिया मांगलिक भवन में चातुर्मास के लिए में विराजित जिनेन्द्र मुनि की सुशिष्या प्रशमप्रभा मसा ने फरमाया कि आप और हम अनंत भवों से साथ-साथ चल रहे हैं। अनंत बार इस धरती पर जन्म ले चुके हैं, अनंत बार प्रवचन सुन चुके हैं और सुना चुके हैं। पर अब आप में और हममें अंतर आ गया है। आप भाटे (पत्थर) पर बैठे हैं और हम पाटे पर आ गए हैं। क्या मात्र पाटे पर बैठने से भी कोई बड़ा हो जाता है? नहीं क्योंकि आपको तो हमारे माता-पिता की उपमा दी है तो आप बड़े हुए ना। चातुर्मास जिसका हम सभी को इंतजार था वह समय आ गया है अब आप भी तैयार हो जाइए। ज्ञान दर्शन चारित्र और तप इन चारों की आराधना करने के लिए। हमारा काम तो मात्र बोलने का है पर इस चातुर्मास की शोभा बढ़ाने का काम आपका है, गुरुदेव ने चातुर्मास तो दे दिया पर इसे सफल आपको ही बनाना है। हमें पूरे जीवन भर आशावादी बने रहना चाहिए। अपने वीर्य को शक्ति को दबाना नहीं चाहिए। भगवान ने जगह-जगह पर एक ही बात कही है, जैसा तुम्हें सुख हो वैसा करो पर कहीं भी ऐसा नहीं फरमाया कि यह करना ही पड़ेगा। इसके साथ आगे फरमाया है कि समय मात्र का भी प्रमाद न करो। यह नहीं सोचा है कि चौमासा तो अभी लगा ही है बहुत समय पड़ा है। इन चार माह में हम भी अपनी साधना करते हैं और यदि साथ में आप भी साधना में जुड़ जाए तो सोने पर सुहागा हो जाएगा। पहले श्रद्धा मजबूत करें तभी ज्ञान से जुड़ पाएंगे, साथ ही छोटे-छोटे तपो से भी जुड़े, जिसकी जैसी अनुकूलता हो वह छोटे-छोटे व्रत प्रत्याख्याण ले। ज्ञानी कहते हैं समय जा रहा है, उम्र जा रही है, इसके जाने के साथ सब कुछ हाथ से छूट रहा है, पर आप क्या कर रहे हो। पूज्य श्री शमप्रभा ने फरमाया कि हम अनादि से इस संसार में टाइम पास कर रहे हैं कहीं हमारा आने वाला समय टाइम पास करते ही ना रह जाए इसलिए इस चातुर्मास के लिए हम कुछ लक्ष्य बना ले कि हमें क्या करना है। मोह को घटाने के चार उपाय भगवान ने बताए हैं कि यदि सही श्रद्धा होगी तो ही ज्ञान हमें आगे बढ़ा पाएगा। क्या आप अपने बच्चों का पतन चाहते हैं? आपको लगता है कि घर आए साधु संत खाली न जाए पर दोष लगा कर दिया आहार राख में घी डालने के समान है। जहां ना तो राख काम की है ना घी काम का है। हमें अपनी शक्ति के अनुसार तप करना चाहिए। यह तप आपके करोड़ों वर्षों के संचित कर्मों की निर्जरा करा सकता है।
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