चैत अमावस्या…. नर्मदा किनारे उमड़ा आस्था का जनसैलाब

 

अनोखा तीर, हरदा। चैत शुक्ल पक्ष की अमावस्या पर सोमवार को नर्मदा के प्रमुख घाटों पर आस्था का जनसैलाब देखने को मिला। इस दौरान जहां-जहां तक नजर जा रही थी, वहां तक केवल श्रद्धालु दिखाई दे रहे थे। श्रद्धालुओं की भारी के चलते घाट तथा हाइवे समेत विभिन्न महत्वपूर्ण पाइंट पर सुरक्षा बल तैनात कर रखा था। वहीं आपात स्थिति से निपटने के लिए एंबूलेंस सहित स्वास्थ्य अमला मुस्तैद रहा। इस विशेष अवसर पर भक्तों ने नर्मदा स्नान कर जहां दान-पुण्य किया, वहीं भगवान सिद्धनाथ एवं रिद्धनाथ को जल चढ़ाकर मंगलवार से चैत नवरात्रि की तैयारियों में जुट गए हैं। जानकारी के अनुसार चैत नवरात्रि के एक दिन पहले अमावस्या के रोज हंडिया और नेमावर में करीब ढ़ाई लाख श्रद्धालुओं के जुटने का अनुमान है। चैत अमावस्या को छोटी भूतड़ी भी कहा जाता है। इसका मुख्य कारण अमावस्या के दूसरे दिन प्रारंभ होने वाले श्रद्धा, आस्था एवं तप के पूरे 9 दिन अनुष्ठानों की धूम रहेगी। मठ-मंदिर समेत विभिन्न धार्मिक स्थल व घरों घर जगतजननी मॉ जगदंबा की आराधना का दौर प्रारंभ होने जा रहा है। जिसका समापन 17 अप्रैल को श्री रामनवमीं के अवसर पर होगा।

 

आज हिन्दू नववर्ष का पहला दिन

चैत नवरात्रि का पहला दिन गुढ़ी पडवा कहलाता है, जो हिन्दू नववर्ष का पहला दिन है। इसी के चलते हिन्दू संगठनों के पदाधिकारी व कार्यकर्ता गुढ़ी पडवा को उत्साह एवं भक्तिभाव के साथ मनाते हैं। इस बार भी हिन्दू संगठनों ने नववर्ष का स्वागत करने व्यापक तैयारियां की है। जिसके तहत विशेष पूजा-अर्चना, घरों घर दीपक एवं भगवा ध्वज तथा धार्मिक स्थलों की विशेष साज-सज्जा शामिल है।

 

पूरे नौ दिन धार्मिक अनुष्ठानों की धूम

इसी के साथ पूरे नौ दिनों तक धार्मिक अनुष्ठानों की धूम रहेगी। शहर के गोलापुरा स्थित गोंसाईं मंदिर में पंरपरागत श्रीरामचरित मानस का पाठ किया जाएगा। जिसका समापन रामनवमीं के अवसर पर समस्त पाठकर्ताओं द्वारा हवन-पूजन के साथ किया जाएगा। इसी कड़ी में नवरात्रि में महिलाएं हर रोज शीतला मंदिर पहुंचकर मैया को जल चढ़ाएंगी। आस्था का ये सिलसिला कई सालों ने अनवरत जारी है।

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