इंदौर के एमओजी लाइंस क्षेत्र में निगम की कार्रवाई के दौरान विवाद, जेसीबी के आगे खड़ी हो गईं महिलाएं

अनोखा तीर इंदौर:-शहर के एमओजी लाइंस क्षेत्र में सोमवार सुबह उस वक्त हंगामा मच गया जब नगर निगम और प्रशासन का अमला चार मकानों को तोड़ने पहुंचा। इन मकानों में से एक खाली था जबकि तीन में परिवार रह रहे थे। रिमूवल टीम को देखकर ये परिवार आक्रोशित हो गए और उन्होंने विरोध शुरू कर दिया। महिलाएं और बच्चे निगम की जेसीबी के आगे आकर खड़े हो गए।

इस बीच सूचना मिलते ही कांग्रेस के नेता भी मौके पर पहुंच गए। इंदौर लोकसभा क्षेत्र से कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय कांति बम कार्रवाई के विरोध में जेसीबी पर चढ़ गए। जमकर विरोध के बाद प्रशासन और निगम का अमला रहवासियों को आठ दिन का समय देकर लौट गया। जिस जमीन पर ये मकान बने हैं वह स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में शामिल हैं। स्मार्ट सिटी सीइओ दिव्यांक सिंह के मुताबिक, इन मकानों के संबंध में एसडीएम कोर्ट से बेदखली के आदेश भी जारी हुए हैं। ये मकान भूतपूर्व सैनिकों के नहीं हैं। इनमें रहने वालों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित किए जा चुके हैं। इसके बावजूद ये लोग मकान खाली नहीं कर रहे हैं।

दो दिन पहले ही दिए हैं नोटिस

रहवासियों ने बताया कि प्रशासन ने हमें शनिवार को ही नोटिस दिए हैं। इसके बाद सोमवार सुबह कार्रवाई शुरू कर दी गई। यह गैरकानूनी है। निगम की टीम को देखकर बड़ी संख्या में महिलाएं भी विरोध में उतर आईं। पुलिस ने पहले तो मौके पर जमा भीड़ को खदेड़ा। इसके बाद प्रदर्शन कर रहे परिवारों से चर्चा शुरू हुई। रहवासियों का कहना था कि जान-बूझकर शनिवार को नोटिस दिया गया था ताकि हम कोर्ट तक न पहुंच सके।

अतिक्रमण कर किया मकान का निर्माण

स्मार्ट सिटी सीइओ सिंह ने बताया कि वर्ष 2018 में शासन ने एमओजी लाइंस स्थित 16.413 हेक्टेयर जमीन इंदौर स्मार्ट सिटी डेवलपमेंट लिमिटेड को हस्तांतरित करने की स्वीकृति दी थी। इस जमीन पर चार मकानधारक दीदार सिंह पिता बाबू सिंह, सज्जनसिंह पिता इंदरसिंह, भूपेंद्रसिंह पिता स्व. निर्मलसिंह और कमलजीत सिंह पति स्व. इंदरजीत सिंह द्वारा अतिक्रमण कर मकान का निर्माण कर लिया गया था। निगम इसी के खिलाफ कार्रवाई करने पहुंचा था।

भूतपूर्व सैनिकों के निवास शामिल नहीं

इस संबंध में तहसीलदार न्यायालय में स्मार्ट सिटी के पक्ष में निर्णय हुआ है। इसके बाद मकान खाली करने के लिए नोटिस भी जारी किए गए, लेकिन मकान खाली नहीं किए। सोमवार को चार मकानों में से दो पर कार्रवाई की गई। शेष दो मकानों को खाली करने के लिए आठ दिन का समय दिया गया है। सिंह ने बताया कि रिमूवल की कार्रवाई में भूतपूर्व सैनिक का कोई निवास शामिल नहीं है। यह सिर्फ अफवाह है।

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