आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर का नेहरू पार्क है। जहां टूटे झूलों के कारण बच्चों को मायूस लौटना पड़ रहा है। जबकि गर्मी के दिनों में अब रोजाना पार्क में बच्चों समेत अय लोगों की आवाजाही ओर अधिक बढ़ने का अनुमान है। इन सबके बीच पार्क में अस्त-व्यस्त व्यवस्थाओं के चलते बच्चों का मनोरंजन फीका पड़ रहा है। इस बारे में नागरिकों का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में बाहर से आने वाले बच्चों को यहां के एकमात्र पार्क में कोई खास व्यवस्था नही मिलती है। जबकि अन्य शहरों के पार्क व्यवस्थाओं से लेस दिखेंगे। वहीं स्थानीय पार्क में अब तक टॉय ट्रेन भी प्रारंभ नही हुई है, जो कहीं ना कहीं चर्चाओं को बल देता है। क्योंकि, सुबह-शाम पार्क में सैकड़ों लोग सैर-सपाटा, योग सहित ताजा हवा लेने के उद्देश्य से पहुंचते हैं। वहीं छोटे-छोटे बच्चे ट्रेन और झूलों का आनंद लेने के लिये पहुंचते हैं। ऐसे में यहां की बदली तस्वीर लोगों को मुखर कर देती है, कि यह बात गलत है।
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