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रेलवे का ‘मिशन रफ्तार’ देगा रेल यत्रियों को बड़ी सुविधा, जानें क्या है यह मिशन ?

भारतीय रेलवे ने 'मिशन रफ्तार' का शुभारंभ किया है जिसका मुख्य उद्देश्य है ट्रेनों की गति को बढ़ाकर लंबी दूरी को कम समय में तय करा जा सके। दरअसल इस मिशन के तहत भारत में संचालित ट्रेनों की स्पीड और प्रदर्शन में सुधार किया जाएगा।

अनोखा तीर:-भारतीय रेलवे ने ‘मिशन रफ्तार’ का शुभारंभ किया है। रेलवे का ‘मिशन रफ्तार’ उद्देश्य ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाना है, ताकि लंबी दूरी को कम समय में तय किया जा सके। इसके अंतर्गत ट्रेनों की गति में वृद्धि के साथ-साथ ट्रेनों के कोच, सीटिंग, इंजन, ओवरहेड इक्विपमेंट, ट्रैक्स, बाईपास फुटओवर ब्रिज, और सिग्नल सिस्टम को भी अपग्रेड किया जा रहा है। इससे यात्रियों को सुरक्षित और तेज यात्रा का अनुभव मिलेगा। भारतीय रेलवे की स्पीड और प्रदर्शन में महत्वपूर्ण सुधार होगा।

जानें क्या है मिशन रफ्तार?

दरअसल रेलवे के इस मिशन रफ्तार की बात की जाए तो इसके तहत भारत में संचालित होने वाली ट्रेनों की स्पीड को बढ़ाना इसका मुख्य उद्देश्य है। दरअसल इस मिशन के चलते भारतीय रेलवे द्वारा एक्सप्रेस और सुपरफास्ट ट्रेनों की स्पीड को और बढ़ाया जाएगा। जबकि इसके साथ में ही मालगाड़ियों की रफ्तार को भी बढ़ाना इस मिशन का मुख्य उद्देश्य हैं। जानकारी के अनुसार मिशन रफ्तार के तहत इन सभी ट्रेनों की औसत गति को बढ़ाया जाना हैं।

डीजल इंजन को मेमू में तब्दील कर दिया जाएगा:

जानकारी दे दें कि ट्रेनों की स्पीड को और अधिक बढ़ाने के लिए रेलवे को एक पूरी प्रक्रिया से गुजरना होता है। जिसमें ट्रैक्स, सिग्नल सिस्टम, ओवरहेड इक्विपमेंट, ट्रेन के डिब्बे और इंजन को अपग्रेड करना भी शामिल है। जबकि इसके तहत बाईपास फुटओवर ब्रिज का निर्माण भी जरूरी होता हैं। जानकारी के अनुसार इस मिशन के अंतर्गत रेलवे के सभी डीजल इंजन को मेमू में तब्दील कर दिया जाएगा। दरअसल मेमू यानी मेन लाइन इलेक्ट्रिक मल्टीप्ल यूनिट होता है।

दरअसल इस मिशन से भारतीय रेलवे के ट्रेनों द्वारा अधिक रफ्तार के तहत लंबी दूरी को कम समय में तय किया जा सकेगा। दरअसल लंबे रूट की ट्रेनों के लिए मिशन रफ्तार एक बड़ा निर्णय हैं। इसके तहत ट्रेनों की गति लगभग 160 किलोमीटर प्रति घंटा करने की योजना बनाई जा रही है।

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