समाज व क्षेत्र की सुरक्षा करने वाले खुद असुरक्षित होकर कर रहे गुजर-बसर
अनोखा तीर, सिराली। नगर में समाज और क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाले खुद ही असुरक्षित होकर अपने परिवार सहित जैसे तैसे गुजर-बसर कर रहे हैं। दिया तले अंधेरा की कहावत को चरितार्थ कर रहे पुलिस विभाग के अधिकारी और पुलिसकर्मियों को परिवार सहित कंडम घोषित आवासों में गुजर-बसर करनी पड़ रही है। जानकारी के अनुसार सन 1962 में पूर्व रियासत मकड़ाई से स्थानांतरित होकर पुलिस थाना सिराली आया था। इसके बाद पुलिस स्टाफ के निवास के लिए पुलिस लाइन में आवास बनाए गए थे। तभी से इन मकानों में पुलिसकर्मियों के परिवार रहते हैं। निर्माण के बाद से अपनी उम्र पूरी कर कंडम घोषित हो चुके 7 मकानों और 1 थाना प्रभारी का बंगला भी इनमें शामिल है। करीब 65 वर्ष पुराने यह मकान जगह-जगह से जर्जर और छतिग्रस्त हो गए हैं। बारिश के दिनों पानी भराने से पुलिसकर्मी इन मकानों के ऊपर प्लास्टिक पन्नी डालकर अपने परिवारों को बारिश से बचा रहे हैं। क्षतिग्रस्त मकानों में कभी भी किसी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता। इस तरह दूसरों की सुरक्षा का जिम्मा रखने वाले पुलिसकर्मियों के खुद के परिवार खतरनाक कंडम मकानों में रहने को मजबूर हैं। इस संबंध में एसडीओपी पुलिस उदय भान सिंह बागरी ने बताया कि पुलिस कर्मियों के निवास के लिए पुलिस क्वार्टर के प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेजे हैं। स्वीकृति मिलने के बाद पुलिसकर्मियों के आवास का निर्माण हो सकेगा।