अनोखा तीर, हरदा। दस दिनी तरावीह का मुकद्दस रमजान में कई स्थानों पर तरावीह नमाज़ संपन्न होने पर अमनो-अमान और खुशहाली की दुआएं मांगी गई। इस मौके पर हाफिजों कारी द्वारा मुस्लिमों से पूरे रमजान तरावीह जारी रखने की सलाह दी। रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है। रमजान के पहले दस दिन अल्लाह की खास इबादत के होते हैं। पहले दस में इबादत करने से अल्लाह बंदों के गुनाहों को माफ करते हैं। अगले दस दिन मगफिरत और आखिरी दस दिन दोजक से आजादी के होते हैं। रमजान में बंदों पर अल्लाह की रहमत बारिश की तरह बरसती है। अल्लाह जरा-जरा से बहाने पर अपने बंदे पर रहमत नाजिल फरमाते हैं।
दस दिन की तरावीह का आयोजन
स्थानीय मदरसा दारूल उलूम नूरी में आयोजित तरावीह में हाफिज मो. असजद रजा ने हाफिज मिनाजुल कादरी व सैयद नजाकत अली बाबा की निगरानी में कुरान पढ़ाया। कुरान मुकम्मल होने पर सैयद नजाकत अली बाबा ने कहा कि कुरान अल्लाह की किताब है। कुरान पढ़ने और सुनने से जिंदगी पाकीजा बनती है। बरकत और रहमतें बरसतीं हैं, दिल की मुरादें पूरी होती हैं। उन्होंने पूरे रमजान तरावीह का सिलसिला जारी रखने की सलाह दी। आयोजित कार्यक्रम में आसिफ राइन जुबेर खान नफीस खान लियाकत खान का सराहनीय योगदान रहा।
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