सर्वार्थ सिद्धि योग में 25 मार्च को खेली जाएगी होली

 

अनोखा तीर, हरदा। 2024 की होली सर्वार्थ सिद्धि योग में 25 मार्च को खेली जाएगी। होलिका दहन 24 मार्च को रात 11.13 बजे के बाद भद्रा समाप्त होने पर करना उचित होगा। सर्वार्थ सिद्धि योग में कोई भी काम करना शुभ माना जाता है और इस बार 24 घंटे की अवधि का योग बनेगा। पंडित गिरधर शर्मा के अनुसार होलिका दहन 24 मार्च रविवार को किया जाएगा। उस दिन फाल्गुन पूर्णिमा तिथि सुबह 09.54 से शुरू होगी और ये तिथि 25 मार्च दिन सोमवार को दोपहर 12.29 तक रहेगी। होलिका दहन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। फाल्गुन पूर्णिमा को भद्रा रहित प्रदोष काल में होलिका दहन किया जाता है। ज्योतिष के मुताबिक 24 मार्च को भद्राकाल रात 11.13 तक रहेगा, इसलिए होलिका दहन उसके बाद ही होगा। होलिका दहन के समय सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है। होलिका दहन वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07.34 बजे शुरू होगा और यह अगले दिन सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि एक शुभ योग है, जिसमें आप जो भी कार्य करते हैं, वह सभी कार्य सफल हो जाते हैं। यह योग अत्यंत फलदायी माना जाता है। इस साल 2024 में होलिका दहन वाले दिन सर्वार्थ सिद्धि योग बन रहा है और होली वाले दिन वृद्धि योग बन रहा है।

कब खेली जाएगी होली

होलिका दहन के अगले दिन यानि 25 मार्च को सुबह से ही होली का उत्सव शुरू हो जाएगा। लोग एक दूसरे को रंग और गुलाल लगाकर एक दूसरे को गले लगाएंगे और उसके बाद मिठाई से मुंह मीठा करेंगे और उपहार देंगे। इस साल 25 मार्च को होली के दिन वृद्धि योग का निर्माण हो रहा है। ज्योतिष के अनुसार, वृद्धि योग में आप जो भी कार्य करेंगे, उसके फल में वृद्धि होती है। इस योग के कारण आपकी होली इस बार और भी आनंदमय हो जाएगी। मान्यता के अनुसार, होलिका की अग्नि इतनी पवित्र मानी जाती है कि जिसमें जीवन के सभी कष्टों का नाश हो सकता है। होलिका दहन के दिन होलिका प्रज्वलित होने के बाद उसमें 11 उपलों की माला, पान, सुपारी, नारियल, अक्षत, चना इत्यादि, साथ ही भोग में मीठा अर्पित करना चाहिए। उसके बाद श्रीहरि विष्णु का नाम लेकर सात बार होलिका की अग्नि की परिक्रमा करनी चाहिए। होलीका दहन होने के बाद एक पानी वाला नारीयल पूरे घर में घुमाकर यदी होलीका दहन में डाल दिया जाए तो घर से सारी नकारात्मक उर्जा नष्ट हो जाती है, परीवार में चल रही बड़ी से बड़ी समस्या का समाधान निकल जाता है।

क्या करें होलिका दहन के दिन

होलिका दहन शुरू हो जाने पर अग्नि को प्रणाम करें और भूमि पर जल डालें। अग्नि में गेहूं की बालियां, गोबर के उपले और काले तिल के दाने डालें। अग्नि की कम से कम तीन बार परिक्रमा करें। अग्नि को प्रणाम करके अपनी मनोकामनाएं मन में बोलें। होलिका की अग्नि की राख से स्वयं का और घर के लोगों का तिलक करें। ज्योतिषियों की माने तो होलिका की अग्नि में सभी कष्ट भस्म हो जाते हैं। ऐसा भी माना जाता है कि होलिका की राख घर में लाने से घर से सारी नकारात्मक ऊर्जाएं समाप्त हो जाती हैं।

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