अनोखा तीर, हरदा। मध्यप्रदेश के दुग्ध उत्पादक किसानों के अब अच्छे दिन आने वाले हैं। सूबे की डॉ.मोहन यादव सरकार लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों को बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है। इसके तहत दूध उत्पादक किसानों को प्रति लीटर दूध के उत्पादन पर पांच रुपए की बोनस राशि दी जाएगी। यह राशि हर महीने उनके खाते में जमा होगी। वित्त विभाग की सहमति मिलने के बाद यह प्रस्ताव जल्दी ही कैबिनेट बैठक में लाने की तैयारी है। दरअसल, दूध उत्पादन के मामले में मप्र, उप्र व राजस्थान के बाद तीसरे नंबर पर है। लेकिन राज्य में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 591 मिली लीटर प्रति दिन है, जो राष्ट्रीय औसत 444 मिली लीटर प्रतिदिन से कहीं अधिक है। राज्य की जीडीपी में भी दूध उत्पादन क्षेत्र का योगदान सात प्रतिशत से अधिक बना हुआ है। कुल उत्पादन की बात करें तो मप्र में रोजाना 18 हजार मीट्रिक टन दूध का उत्पादन हो रहा है। 11 हजार से अधिक दूध सहकारी समितियों को प्राप्त होता है, लेकिन उत्पादित दूध समुचित मात्रा में राज्य दुग्ध संघ तक नहीं पहुंचने से शहरी क्षेत्रों में इसकी किल्लत हमेशा बनी रहती है। इसकी एक बड़ी वजह दूध उत्पादन की लागत की तुलना में उत्पादकों को दुग्ध संघों से उचित दाम नहीं मिल पाना है। इसके चलते अधिकतर दूध उत्पादक खुले बाजार में अपने उत्पाद का विक्रय करना पसंद करते हैं। देखा जाए तो गुजरात से ज्यादा दूध उत्पादन होने के बावजूद इसकी संग्रहण व्यवस्था संतोषजनक नहीं कही जा सकती है। इसे सुसंगत बनाने के लिए प्रदेश की डॉ.मोहन सरकार अब दूध उत्पादकों को दो सौ करोड़ रुपए सालाना की प्रोत्साहन राशि देने की तैयारी में है, जो इन किसानों के लिए बड़ी मदद साबित होगी।
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