अनोखा तीर इंदौर:-2019 में हुए लोकसभा चुनाव के बाद से कांग्रेस की कांग्रेस के कई बड़े नेता पार्टी छोड़ रहे हैं। जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री तक शामिल है। इन नेताओं ने पार्टी द्वारा की जा रही अनदेखी सहित अन्य कारणों के चलते पार्टी छोड़ी है। वहीं इसी फेहरिस्त में मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ का नाम भी शामिल हो गया है, उन्होंने पार्टी द्वारा हाशिए पर धकेले जाने के कारण बेटे नकुल नाथ सहित कांग्रेस को अलविदा कहने का मन बनाया है, हालांकि स्थिति आज शाम तक ही स्पष्ट हो सकेगी। वहीं मध्य प्रदेश में इससे पहले कांग्रेस (Congress) के कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया भी पार्टी छोड़ चुके हैं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मार्च 2020 में कांग्रेस ने इस्तीफा दे दिया था और करीब 22 समर्थक विधायकों के साथ भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके साथ प्रदेश में कमल नाथ सरकार गिर गई थी और भाजपा दोबारा सत्ता में लौटी थी। 2018 में विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली जीत के बाद से ही सिंधिया हाशिए पर थे। पार्टी छोड़ने के बाद उन्होंने कमल नाथ सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगाए थे। फिलहाल सिंधिया केंद्र में उड्डयन मंत्री हैं।
अशोक चव्हाण
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने हाल ही में कांग्रेस ने इस्तीफा दिया और भाजपा में शामिल हो गए हैं। वे लंबे समय से पार्टी आलाकमान से नाराज चल रहे थे। भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र से राज्यसभा चुनाव के लिए प्रत्याशी बनाया है।
कैप्टन अमरिंदर सिंह
कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू से चली सियासी खींचतान और आलाकमान ने नाराज होकर पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कांग्रेस छोड़ दी थी और पंजाब लोक कांग्रेस (PLC) नाम से खुद की पार्टी बनाकर विधानसभा चुनाव भी लड़ा, लेकिन उन्हें कोई खास सफलता नहीं मिली। सितंबर 2022 में कैप्टन अमरिंदर सिंह भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही पीएलसी का भाजपा में विलय कर लिया।
गुलाम नबी आजाद
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद ने अगस्त 2022 में कांग्रेस को अलविदा कहा था। वे भी पार्टी से नाराज थे, साथ ही उस जी 23 ग्रुप में भी शामिल थे, जो पार्टी में बदलाव की मांग कर रहा था। कांग्रेस छोड़ने के बाद गुलाम नबी आजाद जम्मू-कश्मीर के दौरे पर पहुंचे और सितंबर 2022 में आजाद डेमोक्रेटिक पार्टी (Azad Democratic Party) बनाई। कांग्रेस से अलग होने के बाद वे कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ कर चुके हैं।
जितिन प्रसाद
जितिन प्रसाद ने जून 2021 में कांग्रेस छोड़ी थी। वे उत्तर प्रदेश में ब्राह्मण वर्ग में बड़ा चेहरा हैं। साथ ही मनमोहन सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रहे थे, लेकिन कांग्रेस ने जब प्रियंका वाड्रा को उत्तर प्रदेश का महासचिव बनाया तो वे हाशिए पर चले गए और उन्हें पार्टी में तवज्जो मिलना भी बंद हो गई। जिसके बाद वे कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हो गए। वे फिलहाल योगी सरकार में मंत्री हैं।
आरपीएन सिंह
उत्तर प्रदेश में कांग्रेस के दिग्गज नेता आरपीएन सिंह ने यूपी चुनाव से पहले जनवरी 2022 में कांग्रेस छोड़ दी थी। वे मनमोहन सरकार में केंद्र में मंत्री थे। आरपीएन सिंह ने जब कांग्रेस छोड़ी उससे एक दिन पहले ही पार्टी ने उन्हें स्टार कैंपेनर बनाया था। सिंह ने यह कहते हुए पार्टी छोड़ दी थी कि कांग्रेस पहले जैसी पार्टी नहीं रही है। कांग्रेस को अलविदा कहने के कुछ समय बाद ही उन्होंने भाजपा की सदस्यता ले ली।
अश्विनी कुमार
मनमोहन सरकार में कानून मंत्री रहे अश्विनी कुमार फरवरी 2022 में कांग्रेस से अलग हो गए। उन्होंने यह कहते हुए पार्टी छोड़ी दी थी कि वे पार्टी से बाहर रहकर बेहतर कार्य कर सकते हैं। कुमार ने सोनिया गांधी को अपना इस्तीफा भेजा था।
मिलिंद देवड़ा
महाराष्ट्र के बड़े नेता मिलिंद देवड़ा ने इसी साल जनवरी में कांग्रेस को अलविदा कहा है। वे एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना में शामिल हो गए हैं। मिलिंद देवड़ा करीब 56 सालों से कांग्रेस से जुड़े थे।
सुनील जाखड़
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद सुनील जाखड़ ने मई 2022 में पार्टी छोड़ दी थी। वे पंजाब में कांग्रेस के अध्यक्ष भी थे। बताया जाता है कि आलाकमान ने जब उन्हें प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया तो उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने का वादा किया गया था, लेकिन बाद में जाखड़ को कोई जिम्मेदारी नहीं दी गई। जिसके बाद उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया।
कपिल सिब्बल
कपिल सिब्बल ने मई 2022 में कांग्रेस से इस्तीफा दिया था और समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए। सिब्बल फिलहाल राज्यसभा सदस्य हैं।
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