ठंड हुई गायब, धूप के तीखे तेवर से बढ़ी गर्मी

 

अनोखा तीर, मसनगांव। पिछले चार-पांच दिनों से आसमान पर छाए बादल के कारण मौसम खराब बना हुआ था। रविवार के दिन सुबह से आसमान पर बादल छाये रहे। दोपहर में मौसम साफ होते ही धूप के तीखे तेवर से गर्मी बढ़ गई। फरवरी का महीना वैसे ठंड के लिए जाना जाता है, लेकिन इस वर्ष 18 फरवरी से ही गर्मी ने तेवर दिखाना शुरू कर दिया है, जिसका असर फसलों के साथ ही मानव जीवन पर भी पढ़ रहा है। धूप तेज होने से जो फसल हरी थी वह भी एकदम से सूखने की स्थिति में आ गई है, जिसमें मुख्य रूप से रवि सीजन में बोई जाने वाली गेहूं, सरसों तथा चने की फसले तेजी से सूखने लगी है। जिससे उत्पादन पर असर पड़ सकता है, जबकि किसान उम्मीद कर रहे थे कि फरवरी के अंतिम सप्ताह तक सर्दी का एहसास बना रहेगा, लेकिन तापमान में वृद्धि होते ही जहां तेज धूप चुभने लगी है, वहीं गर्मी के कारण दिन में ही पसीना निकलने लगा है। कई घरों में पंखे चलना शुरु हो चुके है, जहां दिन में तेज धूप के कारण गर्मी पड़ रही है, वहीं रात्रि का तापमान भी बढ़ने से ठंड का एहसास लगभग गायब हो गया है, जो लोग 4 दिन पहले गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आ रहे थे, वह अब गर्म कपड़ों से दूरी बनाए हुए हैं। कभी गर्मी तो कभी सर्दी होने से आम जनजीवन पर भी असर दिखाई दे रहा है, जिसमें सर्दी, जुकाम, बुखार जैसी बीमारियां तेजी से पर पास रही है। ग्राम के किसान दीपेश भायरे ने बताया कि चने की फसल में ठंड की आवश्यकता है। क्योंकि जो फसल अक्टूबर के आखिरी और नवंबर के पहले सप्ताह में बोई गई थी, उसमें मौसम खराब होने से फूल फली देरी से आ रहे हैं। यदि तापमान में वृद्धि होती है तो फसल में दाना पूरा नहीं बैठ पाएगा और फसल एकदम से सूख जाएगी। जिससे उत्पादन कम निकलेगा। वैसे भी इस बार गेहूं तथा चने की फसल में बीमारियां लगने से लागत अधिक लग रही है। यदि उत्पादन पर असर होगा, तो किसानों को लागत निकालना मुश्किल हो जाएगा।

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