अनोखा तीर, ग्वालियर। सिटी सेंटर स्थित एसपी आफिस में पिछले छह साल से बिजली, टेलीफोन बिलों से लेकर वेतन-जीपीएफ, डीपीएफ और खरीदारी के बिलों के नाम पर बड़ा घोटाला सामने आया है। बाबू की जिम्मेदारी निभा रहा सिपाही अरविंद भदौरिया अभी इसकी पहली कड़ी पकड़ में आई है लेकिन अभी और भी कनेक्शन खुलेंगे। अरविंद ने पत्नी के ही खाते में 17 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर कर दिए थे और कुल 77 खाते सामने आए हैं जिनमें 71 लाख रुपये का लेनदेन हुआ है।
आयुक्त कोष एवं लेखा की आडिट रिपोर्ट में यह गड़बड़ी पकड़ में आई है। आरक्षक को जब पुलिस अफसरों ने बुलाया तो उसने गबन करना स्वीकार किया है। अब उस पर एफआइआर होगी। उसे यूनिवर्सिटी थाने में रखकर पूछताछ की जा रही है। सिटी सेंटर स्थित पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आकस्मिक शाखा में आरक्षक अरविंद भदौरिया छह साल से पदस्थ है। उसने टेलीफोन, बिजली के बिल से लेकर खरीदी व कई बिलों के भुगतान के लिए प्रक्रिया की।
इसमें 2018 से 2023 के बीच जो बिल तैयार किए, उसमें सर्विस प्रोवाइडर के बैंक खातों की जगह पत्नी के बैंक खाते सहित कई खातों के नंबर लिखकर इसमें भुगतान ले लिया। 52 एंट्री की जांच की गई, इसमें से करीब पांच एंट्री गड़बड़ पाई गई। इनका भुगतान पत्नी के बैंक खाते में ले लिया।
दो से पांच हजार के ज्यादा हुए भुगतान
घोटाले में छोटे भुगतान बड़ी संख्या में हैं जिनमें दो से पांच-पांच हजार के भुगतान शामिल हैं। एसपी आफिस में डीडीओ का पावर डीएसपी हेडक्वार्टर के पास होता है। आमतौर पर छोटे बिलों पर ज्यादा निगाह नहीं होती इसी बात का सिपाही ने फायदा उठाया। वहीं एक खाते में दो नामों से ज्यादा के ट्रांजेक्शन किए गए हैं। इस मामले में कोषालय अधिकारी अरविंद शर्मा ने बताया कि पड़ताल की जा रही है।
जल्द मामला और साफ होगा
पीएचई की तरह घोटाला, वहां 81 करोड़ तक राशि पहुंची पीएचई में भी इसी तरह का घोटाला पकड़ा गया है जिसमें इसमें पीएचई के अधिकारियों से लेकर कई लोगों पर एफआइआर हुई है और जांच भी जारी है। घोटाले की राशि 81 करोड़ तक पहुंच गई है।
इस मामले में अंतिम रिपोर्ट आना बाकी है। पीएचई की तरह एसपी आफिस में कई लोगों की मिलीभगत सामने आ सकती है। इससे पहले भी देवास, शिवपुरी सहित कई जिलों में एसपी आफिस में घोटाले सामने आ चुके हैं।
पुलिस मुख्यालय से जांच के लिए आएगी टीम पुलिस मुख्यालय से इस मामले की जांच के लिए टीम आएगी। जिस समय आरक्षक पदस्थ रहा है। उस समय के सभी बिल की जांच करवाई जाएगी। बिल किसने वेरीफाय किए और इसके अलावा इस पूरी प्रक्रिया में कौन-कौन शामिल रहा।
इसकी जांच की जाएगी। पत्नी के अलावा जिनके खातों में उसने रकम भेजी, उन सभी से पूछताछ की जाएगी। उनका इससे क्या संबंध है, इसकी पड़ताल की जाएगी। ट्रेजरी के आडिट में फर्जीवाड़ा खुला है। इस मामले में एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी। साथ ही जांच समिति भी बनाई है। इसमें आरक्षक से पूछताछ चल रही है।राजेश सिंह चंदेल, एसएसपी, ग्वालियर
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