*नितेश गोयल हरदा।* 40 किलोमीटर दूर तक धमाकों की आवाज धरती ऐसा लगा कि कांपने लगी है यह सब एक छोटी सी फैक्ट्री में फटाका बनाते समय होने वाली दुर्घटना से नहीं होता बल्कि यह सब होता है बारूद के भंडार में हुए भयंकर विस्फोट से मंगलवार को जब 11:00 बजे यह घटना घातक घटित हुई थी तो ऐसा लग रहा था कि भूकंप आ गया है या परमाणु बम से कोई हमला कर दिया गया हो आग पर काबु पा लेने के बाद जब बहा देखा तो लाखो कि तदात मे रस्सी बम विखरे हुए थे।अनोखा तीर ने जब फटाका फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट के संबंध में वहां पर जो काम कर रहे थे और जो किसी तरह से बच गए उनसे जानकारी ली तो कई चौंकाने वाली जानकारी हमारे सामने आई पहली बात तो यह थी कि छोटी सी फैक्ट्री के लाइसेंस वाली जिसे केवल 15 किलो बारूद रखने का ही लायसेन्स ही था ।इस फैक्ट्री में लगभग 600 से 700 आकुशल मजदूर काम करते थे जिसमें महिलाओं और बच्चों की संख्या सबसे अधिक थी इस फैक्ट्री में तलघर सहित चार मंजिल में पटाखे बनाने का काम होता था नीचे तलघर में बारूद का अथाह भंडार था यहीं पर बारूद को पीसने के लिए चक्की भी स्थापित की गई थी नंगे पैरों से दिनभर यहां पर मजदूर काम करते थे ऊपर के तीन मंजिल में महिला एवं बच्चे पटाखे बनाने का काम करते थे। काम करने वाले बच्चों और महिलाओं को प्रतिदिन के हिसाब से ₹500 की मजदूरी दी जाती थी फैक्ट्री का मालिक हर महीने लगभग 1 करोड रुपए का भुगतान अपने दैनिक मजदूरों को करता था वहां काम करने वाले मजदूरों का कहना है कि तलघर में इतना बारूद था कि उससे कई शहर तक तबाह हो सकते हैं उनकी इस बात का पहले तो हमें विश्वास नहीं हुआ लेकिन जब हमने आकलन किया तो उनकी बात बिल्कुल 100 फ़ीसदी सच नजर आई जो व्यक्ति प्रतिदिन 3 लाख रुपए मजदूरों को मजदूरी दे रहा है तो वह व्यक्ति 5 लाख के पटाखे तो प्रतिदिन बनवाता ही होगा इस फैक्ट्री संचालक राजू अग्रवाल के यहां पर सिर्फ सुतली बम बनाने का ही काम होता था एक सुतली बम की जब हमने होलसेल में प्राइस पता करी तो फटाका व्यवसाययों ने बताया कि ₹2 से लेकर ₹4 तक सुतली बम थोक में मिलता है इस हिसाब से देखें तो लगभग 2 लाख सुतली बम रोज इस फैक्ट्री में तैयार किए जाते थे। यदि एक सुतली बम में 5 ग्राम भी बारूद भरा जाता है तो 200 सुतली बम में लगभग 1 किलो बारूद लग जाएगा और 2 लाख सुतली बम यदि रोज बनते हैं तो इसमें लगभग कितना अथाह बारूद लगता होगा इसका आकलन आप आसानी से कर सकते होंगे यह फटाका व्यवसायी कोई रोज तो बारूद बुलाता नहीं होगा इसके पास कम से कम एक माह का स्टॉक तो होता ही होगा तो आप सोच सकते हैं कि कितने टन बारूद इसके तल घर में होगा जिसने कुछ ही मिनट में पूरी तीन मंजिल इमारत को खाक में मिला दिया। अब देखने वाली बात यह होगी कि इसे इतने बड़े पैमाने पर बारूद का स्टॉक करने की किसने परमिशन जारी कर दी यह कहां से इतना बारूद खरीदकर कारोबार कर रहा था यह सब जांच की बातें हैं जांच होती रहती हैं नतीजा सबको पता होते हैं ताजा-ताजा मामला है सब इसकी चर्चा करेंगे और कुछ ही दिन में हो सकता है कि फिर से है से यही फटाका व्यवसायी दुगने स्तर पर अपने कारोबार को पुनः प्रारंभ कर दे।
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