अनोखा तीर, भोपाल। विश्व वेटलैंड दिवस 2024 के उपलक्ष्य पर आज भोपाल के बड़ा तालाब के उत्तरी किनारे पर खोहेफिगा चौराहा से खानूगांव के बीच एक वेटलैंड वॉक का आयोजन किया गया। जिसका विषय वेटलैंड्स और मानव कल्याण था जो की विश्व वेटलैंड दिवस 2024 के लिए रामसर कन्वेंशन द्वारा घोषित कार्यक्रम का विषय हैं। यह दिवस वेटलैंड्स की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में वैश्विक जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 2 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन 2 फरवरी 1971 को ईरानी शहर रामसर में आर्द्रभूमि पर कन्वेंशन को अपनाने की तारीख को भी चिह्नित करता है। वॉक का नेतृत्व एनसीएचएसई के महानिदेशक डॉ. प्रदीप नंदी ने किया। आयोजन का उद्देश्य भोपाल के सभी क्षेत्रों के नागरिकों को वेटलैंड्स के महत्व के बारे में जागरूक करना और प्रकृति के साथ सार्वजनिक संबंध बढ़ाना और साथ ही अद्वितीय पारिस्थितिकी तंत्र की सुरक्षा और सुधार में भूमिका निभाने के लिए निवासियों और हितधारकों को प्रोत्साहित करना था। कार्यक्रम के शुरुआत में प्रतिभागियों को भोज वेटलैंड के प्रमुख घटक बड़ा तालाब के पारिस्थितिक और सामाजिक महत्व के बारे में अवगत कराया गया, जिसे 2002 में अपनी समृद्ध जैव विविधता और संरक्षण योजना के कारण रामसर साइट अंतर्राष्ट्रीय महत्व का वेटलैंड घोषित किया गया था। यह बताया गया कि वेटलैंड आर्द्रभूमि एक विशिष्ट पारिस्थितिक तंत्र हैं जो स्थायी रूप से या मौसमी रूप से छोटी अवधि के लिए पानी से भर जाते हैं या संतृप्त होते हैं। यह तंत्र हमारी पानी की अधिकांश जरूरतों को पूरा करते हैं, ‘किडनीÓ के रूप में कार्य करते हैं जो पानी को नियंत्रित करते हैं और परिदृश्य से अपशिष्ट को फ़िल्टर करते हैं और यह जैव विविधता का भण्डार हैं जो मानवता और प्रकृति के पनपने के लिए महत्वपूर्ण है। बताया गया कि बर्डलाइफ इंटरनेशनल ने बड़ा तालाब को एक महत्वपूर्ण पक्षी क्षेत्र आईबीए भी घोषित किया है। वॉक के दौरान लगभग 100 प्रतिभागियों ने एक महत्वपूर्ण पारिस्थितिक तंत्र के रूप में बड़ा तालाब, इसकी जैव विविधता, पर्यावरणीय समस्याओं और इसके संरक्षण के लिए सरकारी प्रयासों के बारे में जानकारी प्राप्त की। प्रतिभागियों ने आर्द्रभूमि पारिस्थितिकी प्रणालियों, विशेष रूप से भोज वेटलैंड की सुरक्षा और संरक्षण के लिए आवश्यक कार्रवाई करने और विभिन्न हितधारकों के साथ हाथ मिलाने, उन्हें स्वस्थ रखने और जागरूकता पैदा करने और दूसरों को आर्द्रभूमि की रक्षा के लिए हाथ मिलाने के लिए प्रेरित करने की भी प्रतिज्ञा की। इस अवसर पर, जलवायु परिवर्तन पर राज्य ज्ञान केंद्र के समन्वयक और राज्य वेटलैंड प्राधिकरण के प्रभारी अधिकारी लोकेंद्र ठक्कर ने प्रतिभागियों को राज्य में वेटलैंड्स के संरक्षण के सरकार के प्रयासों का हिस्सा बनने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए संबोधित किया। वॉक के दौरान प्रतिभागियों ने प्लास्टिक कचरे को भी निपटान के लिए एकत्र किया। यह कार्यक्रम नेशनल सेंटर फॉर ह्यूमन सेत्तलेमेंट्स एंड एनवायरनमेंट एनसीएचएसई द्वारा राज्य वेटलैंड प्राधिकरण, एप्को, पर्यावरण विभाग, मध्य प्रदेश शासन के सहयोग से आयोजित किया गया। प्रतिभागियों में भोपाल के प्रमुख संस्थानों जैसे एसपीए, मैनिट, अजीम प्रेमजी विश्वविद्यालय, एनआईडी, महिला पॉलिटेक्निक के संकाय और छात्र, मिशन सुनहरा कल के प्रतिनिधि और विभिन्न सीबीओ, भोपाल के युवा और वरिष्ठ नागरिक, मीडियाकर्मी आदि शामिल थे।
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