अनोखा तीर, हरदा। नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर मिशन लाइफ एक जीवन प्रत्याशा कार्यक्रम का आयोजन सिराली मार्ग पर स्थित साई वाटिका में रखा गया। जहां प्रकृति की गोद में पोषण पर मंथन किया गया। विशेषज्ञों द्वारा श्री अन्न के साथ ही मिट्टी, मनुष्य और पर्यावरण को बचाने के लिए अपने विचार रखे। कार्यक्रम के संयोजक एवं पर्यावरणविद् गौरीशंकर मुकाती ने श्री अन्न को लेकर जानकारियां उपलब्ध कराई। उन्होंने बताया कि मोटा अनाज उपलब्ध कराने के लिए रुपई वनश्री एग्री सर्व के द्वारा सुंदरपानी में श्री अन्न प्रसंस्करण केंद्र का शुभारंभ किया गया है। जिसमें देशी अरहर दाल की परियोजना प्रारंभ की गई है। रुपई का प्रयास है कि वनवासियों को प्राकृतिक खेती से जोड़कर वास्तविक स्थिति की ओर ले जाना है। आदिवासी समुदाय द्वारा उगाई जाने वाली फसल कोदो, कुटकी, रागी ज्वार, बाजरा जैसी परंपरागत फसलों का उत्पादन बढ़ाने तथा उसे बाजार में उपलब्ध कराने के लिए श्री अन्न प्रशंसकरण एक माध्यम बनेगा, वही अन्य विशेषज्ञ ने प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने तथा प्राकृतिक संसाधनों के टिकाऊ प्रबंधन के लिए पारिस्थितिक कृषि प्रणालियों को पुनर्जीवित करने पर जोर दिया। जिसमें डॉक्टर अंबर पारे ने बताया कि मिलेटस से पोषण आहार की पूर्ति की जा सकती है। जिस प्रकार आधुनिक खेती में अंधाधुंध रासायनिक दवाइयों का उपयोग हो रहा है, उससे बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं, जिसमें प्रजनन की क्षमता भी प्रभावित हो रही है। यदि मोटे अनाज का उपयोग किया जाता है, तो स्वास्थ्य में सुधार आ सकता है। इसी प्रकार डॉक्टर विशाल सिंह बघेल ने बताया कि योग प्राणायाम और मोटे अनाज का सेवन मनुष्य के स्वास्थ्य को सुधार सकता है। वही डॉक्टर एसके तिवारी ने भी अपने संबोधन में कहा कि गर्मी में बोई जाने वाली मूंग की फसल में कीटनाशक का स्प्रे अधिक होने से जमीन खराब हो रही है, वहीं पानी का दोहन भी अधिक हो रहा है। जिसे बदलने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में बीएनवी एडवाईजरी के प्रमुख संदीप राय, विक्रांत तिवारी ने कार्बड क्रेडिट परियोजना के स्वरूप पर प्रकाश डाला। वहीं अर्थबुड सर्विसेस के एजुकेटिव डायरेक्टर अविनाश बालियान एवं द नेचर कंजरवेंसी के चंदन सिंह ने रुपई द्वारा स्थापित मॉडल में रुचि दिखाते हुए हरदा क्षेत्र में पर्यावरण गतिविधियों में मदद करने की बात कही। डायरेक्टर ऑफ एग्री बिजनेस जबलपुर के डॉ.मोनी थामस ने किसानों को नवाचारों में शासन की योजनाओं का लाभ उठाने के अवसरों से अवगत कराया। वहीं आईडीएफसी बैंक के प्रतीक टिकेकर ने बैंकिग सहायता के बारे में जानकारी प्रदाय की। कार्यक्रम का संचालन ज्ञानेश चोबे ने किया एवं समन्वय संजय तेनगुरिया एवं संजय चोधरी ने किया। कार्यक्रम में प्रतिभा तिवारी संदीप राय, डॉक्टर मनीष गर्ग, प्रतिभा तिवारी, अविनाश कुमार, अविनाश मिश्रा आदि कई विशेषज्ञों ने अपने विचार रखते हुए प्राकृतिक खेती तथा खेतों की मेड़ो पर पेड़ लगाकर अतिरिक्त आय का साधन बढ़ाने कार्बन क्रेडिट के लिए अधिक पेड़ लगाकर प्रकृति का संतुलन बनाने, सभी से प्राकृतिक खेती से जुड़ने का आग्रह किया और मृदा के संरक्षण को लेकर चिंता जताई। कार्यक्रम में अनेक आदिवासी, किसान वर्ग तथा प्रकृति प्रेमी उपस्थित हुए।
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