अनोखा तीर, हरदा। सकलपर्णा समूह की अंतर्राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी देर रात तक चली। जिसमें समूह की अध्यक्ष अनीता सक्सेना के प्रयास से भारत के 20 कवि और अमेरिका, सिंगापुर के 8 कवि सम्मिलित हुए। हिंदी के प्रचार और प्रसार के लिए आयोजित हिंदी काव्य गोष्ठी में अध्यक्ष श्रीमती ममता वाजपेयी भारत, मुख्य अतिथि सुरेंद्र मोहन कौशिक अमेरिका और कार्यक्रम की संयोजिका अनीता सक्सेना थी। कार्यक्रम का संचालन किया साधना शुक्ला ने किया। विदेश की धरती पर बैठे हमारे देश के कवि गण के हृदय में भी भारत का दिल धड़कता है। डॉ- सुरेंद्र मोहन कौशिक ने मेरी जिंदगी कुछ खैर कर और गुमान करता था, गीता कौशिक ने हृदय पीड़ा किसको बतलाते, प्रो. अफरोज ताज ने उलटी गंगा, उषा देव ने भाग्य रेखाएं और अकेली पांच की मु_ी विशाखा ठक्कर ने अंधेरे मन के, हिमांशु श्रीवास्तव ने राम पर सरल भाषा में रामायण रचना कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। इसी प्रकार आराधना अग्रवाल ने मेरे गांव का पान वाला सुना कर हंसाया। ऋतु खरे ने खाना तो खाले मेरे मोहन, अमेरिका में बैठकर हम सबको अपनी रचनाओं का रसास्वादन कराया। भारत से रचना पाठ में सम्मिलित हुए मालती बसंत-सूरज की लाली, कुमकुम गुप्ता-जीवन में लय, रंजना शर्मा- पावस गीत, नीलिमा रंजन- खुलने को गवाक्ष विनीता राउरीकर-ए मेरी कविता, वर्षा चौबे शब्द अगर हम तुम्हें, नमिता सेन गुप्ता मशीन मां, कमल चंद्रा पर्यावरण महिमा वर्मा-जीना अगर जीवन तो, शालिनी खरे- सांसों से जुड़ा प्रभु नाम, कल्पना विजयवर्गी पावस संदेश सुधा दुबे मुस्कुराते रहिए जनाब, मधुलिका सक्सेना सुखदाई शिशिर, नविता जौहरी-आ गया नया साल, शेफालिका श्रीवास्तव -चलो घर को मकान बनाएं, खंजन सिन्हा -जिस कागज पर इत्र लिख दिया, मधुलिका श्रीवास्तव, हजारों शब्द जोड़कर सरोज दबे उत्कृष्ट जागृत, कुसुम श्रीवास्तव- आपके आने से, शीला मिश्रा- मां की देहरी पर, साधना शुक्ला-जी चाहता है, अनीता सक्सेना – मेजबान और मेहमान दोनों थी आओ एक पतवार बने, वे सचमुच भारत और अमेरिका के बीच पुल बनी। आभार विनीता राउरीकर ने माना। कार्यक्रम को सुचारू रूप से महिमा वर्मा ने संचालन किया।
Views Today: 2
Total Views: 48