मुख्यालय पर सबसे व्यस्ततम इलाके में आम जनता की पेयजल सुविधा के लिहाज से स्थापित प्याऊ इन दिनों निजी कार्यो में संलग्न है। फलस्वरूप प्याऊ की उपयोगिता पर ग्रहण लग गया है। जबकि ये प्याऊ राहगिरों की प्यास बुझाने की मंशा से प्रारंभ की थी। इसका जनमानस को भरपूर लाभ भी मिला। परंतु , अब पानी के लिए पहुंचने वाले लोगों को केवल निराशा हाथ लग रही है। क्योंकि, प्याऊ पर ना तो नल की टोटी है और ना ही कोई अन्य वैकल्पिक इंतजाम है।
इस प्याऊ से पानी का निजी उपयोग
नलों की जगह अब यह हालात
अनोखा तीर, हरदा। शहर के मध्य में स्थित नेहरू पार्क में राहगिरों की प्यास बुझाने के उद्देश्य से सालों पहले एक प्याऊ का निर्माण हुआ था, जो अब तक स्थापित है। परंतु , इन दिनों प्याऊ की उपयोगिता पर ग्रहण लग गया है। जिसके चलते अब यहां राहगिरों की प्यास नही बल्कि दो एवं चारपहिया वाहन की वाशिंग हो रही है। नि:संदेह संबंधितों को इससे फायदा तय है। लेकिन यह भी सच है कि इसके अभाव में यहां पेयजल व्यवस्था डगमगा गई है। बता दें कि यह प्याऊ शहर के परशुराम चौक से नई सब्जी मंडी के बीच विद्युत वितरण कंपनी के मुख्यद्वार के ठीक सामने है, जो कि व्यवस्तम इलाकों में शुमार है। विद्युत कार्यालय समेत सब्जी मंडी आने-जाने वाले लोगों के लिए प्याऊ पर रूककर प्यास बुझाने की व्यवस्था थी, वे प्याऊ पर रूककर पानी पीते थे, खासकर गर्मी के दिनों में ये प्याऊ खासा उपयोगी साबित हुआ करता था। किंतु वर्तमान में पेयजल व्यवस्था पटरी से उतरने के साथ ही निजी कार्यो में व्यस्त हो गई है। जिसके चलते लोग मन ही मन व्यवस्था को कोस रहे हैं।
नल गायब कर व्यवस्था को बदला
प्राप्त जानकारी के अनुसार पहले प्याऊ में दो से तीन नल लगे थे, जो अब नदारद हैं। वहीं नलों की जगह अब दूसरा सिस्टम देखने को मिलेगा। दरअसल, दुकानदार से नल की जगह पाइप का टुकड़ा लगा दिया है। जिससे दूसरी नली को कनेक्ट किया है। इसके कारण नल के आसपास की जगह क्षतिग्रस्त हो गई है।
सार्वजनिक सुविधा का निजी उपभोग
इस बारे में लोगों का कहा है कि ये सिलसिला लंबे समय से चल रहा है। जिसको हर आता-जता व्यक्ति देख रहा है। कई दफा लोग पानी पीने की मंशा से पहुंचते हैं, लेकिन वापस पैर लौट जाते हैं। उन्होंनें यह भी कहा कि गाड़ियों को धोने के लिए पानी का भरपूर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस बीच पानी व्यर्थ बहता हुआ भी नजर आएगा।
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