इंदौर। डेढ़ वर्ष से शहर के एमजीएम मेडिकल कालेज में रखी जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन शुरू होने की राह अब थोड़ी आसान नजर आ रही है। क्योकि कालेज से साइंटिस्ट और डाक्टरों की टीम अब प्रशिक्षण के लिए पुणे जाने वाली है। ताकि मशीन का संचालन जल्द शुरू हो सके। मशीन के शुरू होने से शहर में ही कोरोना के नए वैरिएंट का पता आसानी से लगाया जा सकेगा। क्योंकि शहर में अभी कोरोना के मरीजों की संख्या में भी लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है।
अधिकारियों के मुताबिक कालेज के माइक्रोबायोलाजी विभाग के तीन साइंटिस्ट और तीन डाक्टरों की टीम मशीन संचालित करने के प्रशिक्षण के लिए पुणे के नेशनल इंस्टिटयूट आफ वायरोलाजी जा रही है। यह टीम 15 से 19 जनवरी तक के बीच प्रशिक्षण लेगी। बता दें कि एमजीएम में अभी तक इस मशीन के शुरू ना होने का कारण उपकरणों की कमी बताया जा रहा है।
मेडिकल कालेज से कई बार इस मशीन को संचालित करने के लिए उपकरणों की मांग की गई है। लेकिन अभी तक इसके उपकरण नहीं मिल पाए है। जबकि इंदौर में विदेश से बड़ी संख्या में यात्री आते हैं।
ऐसे में कोरोना के वैरिएंट का पता नहीं लग पाना शहर के लोगों को भी इसकी चपेट में ले सकता है। बता दें कि प्रदेश में भोपाल और ग्वालियर में जिनोम सिक्वेंसिंग मशीन संचालित हो रही है। इन दोनों ही केंद्रों पर प्रदेशभर के सैंपल आते हैं, ऐसे में रिपोर्ट आने में देरी हो रही है।
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