ग्वालियर। लगभग 2500 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाला ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के नजदीक के ही लाजिस्टिक पार्क भी तैयार किया जाएगा। इसके लिए भी नेशनल हाइवे अथारिटी आफ इंडिया के अधिकारियों ने संभावनाएं देखना शुरू कर दी हैं।
ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के किनारे लाजिस्टिक पार्क बनने से अंचल में रोजगार के नए अवसर खुलेंगे। इससे उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि लाजिस्टिक पार्क में कंपनियों के कार्यालय भी खुलेंगे। दिल्ली के नजदीक होने के कारण ग्वालियर लाजिस्टिक पार्क को अधिक फायदा होगा, क्योंकि यहां से सीधे एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी मिलेगी।
फिलहाल ऐसे हैं हालात
वर्तमान में सामान की ढुलाई के लिए दिल्ली-मुंबई के बीच डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर भी तैयार हो रहा है, जिसके लिए रेल और सड़क दोनों परिवहन माध्यमों को बढ़ावा दिया जा रहा है। वर्तमान में शनिचरा के नजदीक मालनपुर में इनलैंड कंटेनर डिपो भी मौजूद है, इससे भी ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे की कनेक्टिविटी बनेगी।
पिछले वर्ष सितंबर माह में एलिवेटेड रोड का भूमिपूजन करने आए केंद्रीय सड़क परिवहन राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस वे के साथ ही लाजिस्टिक पार्क निर्माण की घोषणा की थी। उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा था कि दिल्ली से मुंबई तक के सफर में ग्वालियर एक महत्वपूर्ण गेटवे है। इसलिए यहां लाजिस्टिक पार्क स्थापित कर रोजगार के नए अवसर और उद्योग भी पैदा किए जाएंगे।
क्या है लाजिस्टिक पार्क
लाजिस्टिक पार्क कच्चे माल और खाद्य वस्तुओं को स्टोर करने का एक एडवांस सिस्टम है। इन पार्कों में कोल्ड स्टोरेज और दूसरी सुविधाएं होती हैं, जिसकी मदद से देशभर से लाए माल को इसमें स्टोर किया जा सकता है। यहां माल को सुरक्षित रखने की पूरी व्यवस्था की जाती है, जिससे वह खराब नहीं होता है। आवश्यकता पड़ने या समय आने पर जरूरत के मुताबिक स्थानीय स्तर पर इस माल को सप्लाई कर दिया जाता है। इससे सामान लाने और ले जाने में होने वाले खर्चे में बचत होती है। इसका लाभ यह होता है कि वस्तु की कीमत भी कम हो जाती है।
भेजा गया प्रस्ताव
शहर की वर्ष 2042 की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए ग्वालियर के मोबिलिटी प्लान को तैयार करने वाली अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी (यूएमटीसी) ने भी शहर में लाजिस्टिक पार्क बनाने की सिफारिश की है। अर्बन मास ट्रांजिट कंपनी ने शहर का सर्वे कर चार कोनों पर चार पार्क तैयार करने की रिपोर्ट बनाई थी। इसमें भिंड रोड पर गिरगांव, मुरैना रोड पर रायरू,शिवपुरी लिंक रोड पर चौधरी का ढाबा के पास और झांसी रोड की तरफ सिकरौदा पर लाजिस्टिक पार्क तैयार करने का प्रस्ताव बनाया गया है। इस प्रस्ताव के मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कार्पोरेशन के पास भी भेजा गया है।
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