सोहागपुर- मांसाहारी और शाकाहारी वन्य प्राणियों की गणना की जा रही है। मांसाहारी वन्य प्राणियों की गणना के दूसरे दल को टाइगर, तेंदुआ, भालू, सांभर, चीतल, बायसन आदि के पगमार्क मिले हैं। गणना दल को पगमार्क के साथ वन्य प्राणियों की विष्टा, खरोच भी मिली।
सतपुड़ा में गणना का कार्य शुरू किया गया है, जो 30 नवंबर तक चलेगा। शुरू के तीन दिन मांसाहारी वन्य प्राणियों की गणना होगी। इसके बाद तीन दिन शाकाहारी वन्य प्राणियों की गणना की जाएगी। पनारा बीट के गणना दल में मांसाहारी वन्य प्राणियों की मौजूदगी के परिणाम भी मिले हैं।
पनारा बीट में गणना कर रहे रोहित कुमार वन रक्षक पचमढ़ी, बाली ढीकू चौकीदार, विनय सराठे वालेंटियर ने बताया कि गणना का कार्य किया जाता है। गणना के लिए प्रतिदिन 5 किलोमीटर तक पैदल जाना होता है। इस दौरान वन्य प्राणियों के पगमार्क, खरोंच, विष्टा आदि की फोटो खींचकर विभाग के ऐप एमएस ट्रेप्स पर अपलोड किया जाता है। साथ ही उनकी गिनती कर एंट्री की जाती है, जिसे बाद में एकत्रित कर विभाग में जमा किया जाएगा। उसके बाद सारा डाटा एकत्रित कर देखा जाएगा कि सतपुड़ा में कौन से वन्य प्राणियों की कितनी संख्या है।
इन बीट में हो रही गणना
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में हो रही वन्य प्राणियों की गणना कोर एरिया की 21 बीट में तथा बफर जोन की 24 बीट में की जा रही है। रेंजर विजय वारस्कर ने बताया कि जिन बीट में गणना की जा रही है, उनमें कोर क्षेत्र में जहरघाट, सुआरिया, आड़ीदेनवा, देवगढ़, खुम्बखोह, देवखला, चूरनागुंदी, रानीडोह, पट्टन, सांगवा, सोनभद्रा, नागद्वारी, बेलखंदार, टोपीदेव, पंचबड़, मढ़ई, लगदा, ढाबा, बासानिया, पनारा, शंकरगढ़ तथा बफर जोन में परसापानी, जमानीदेव, पाढई, विनेका, खापा, घोघरी, गोहनादेह, सेहरा, उर्दोन, रानीपुर आदि शामिल हैं।
अधिकारी-कर्मचारी से लेकर चौकीदार भी लगे
सतपुड़ा में हो रही वन्य प्राणियों की गणना में जहां वन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी से लेकर चौकीदार भी लगे हैं, वहीं विभाग ने बाहरी लोगों को भी जंगल से परिचित होने के लिए गणना में शामिल किया है। डिप्टी रेंजर लाखन सिंह पटैल ने बताया कि वरिष्ठ अधिकारियों की सहमति से वन्य प्राणियों की गणना में 11 वालेंटियर शामिल हुए हैं। प्रतिवर्ष होने वाली गणना में जंगल एवं वन्य प्राणियों के प्रति रुचि रखने वाले लोगों को शामिल किया जाता है।
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