भारतीय संविधान को अपनाने के उपलक्ष्य में संविधान दिवस मनाया जा रहा है

नई दिल्ली- विधि एवं न्याय मंत्रालय, भारतीय विधि संस्थान के सहयोग से विज्ञान भवन, नई दिल्ली में संविधान दिवस मनाएगा। 1949 में इसी दिन भारत के लोगों ने संविधान को अपनाया था।

इस वर्ष समारोह के अंग के रूप में, पांच तकनीकी सत्रों वाली एक राष्ट्रीय स्तर की परिवर्तनकारी संगोष्ठी होगी। इससे कानूनी विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और शिक्षा जगत सहित अन्य लोगों को, 2047 के विजन पर ध्यान केंद्रित करते हुए, देश के कानूनों की सुधारात्मक जरूरतों पर विचार-विमर्श करने का अवसर मिलेगा।

इस संगोष्ठी का उद्देश्य विश्व और उसमें रहने वालों की भलाई के साथ, संवैधानिक मूल्यों और वैश्विक आकांक्षाओं के बीच महत्वपूर्ण संबंध का पता लगाना भी है।

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ मुख्य अतिथि होंगे और पूर्ण सत्र में मुख्य भाषण देंगे। अर्जुन राम मेघवाल, कानून राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), न्यायमूर्ति रितु राज अवस्थी, अध्यक्ष विधि आयोग, एल.डी. तुषार मेहता, भारत के सॉलिसिटर जनरल, न्यायमूर्ति अरुण कुमार मिश्रा, अध्यक्ष एनएचआरसी, न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी, पूर्व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय और डॉ. नितेन चंद्रा, सचिव, कानूनी मामलों के विभाग भी इस अवसर पर बोलेंगे।

इस अवसर पर, ‘ए गाइड टू अल्टरनेटिव डिस्प्यूट रेजोल्यूशन’ और ‘पर्सपेक्टिव्स ऑन कॉन्स्टिट्यूशन एंड डेवलपमेंट’ नामक दो पुस्तकों का विमोचन भी होगा। इसके अलावा, मंत्रालय भारतीय विधि संस्थान के सहयोग से संविधान दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए ‘स्वतंत्रता की सीमा – मौलिक अधिकार बनाम मौलिक कर्तव्य’ विषय पर एक वाद-विवाद का आयोजन कर रहा है और इसमें प्रथम पुरस्कार के विजेता को 50,000 रुपये, दूसरे को 30,000 रुपये और तीसरे पुरस्कार विजेता को 20,000 रुपये पुरस्कार राशि के रूप में मिलेंगे।

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