बालाघाट की 24 महिलाओं का समूह करेगा नमक का कारोबार, गुजरात की कंपनी से करार

बालाघाट- महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने लगातार नवाचार हो रहे हैं। मप्र राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत बालाघाट विकासखंड के हीरापुर के संकुल स्तरीय संगठन ‘प्रेरणा’ की 24 महिलाएं अब करेंगी।

संगठन ने अहमदाबाद के सेफ्रान कंपनी से अनुबंध किया है। आगामी चार से पांच दिनों में गुजरात के कच्छ से 30 टन नमक की सप्लाई संगठन को मिलेगी। आजीविका मिशन के किसी संगठन अथवा समूह द्वारा नमक के कारोबार से जुड़ा यह नवाचार करने वाला पूरे बालाघाट प्रदेश का एकमात्र जिला है।

सेफ्रान कंपनी का यह नमक ‘आजीविका’ नाम से मिलेगा, जो एक किलो की पैकिंग में होगा। इसे जिले में संचालित छह एकलव्य स्कूलों की मेस, शासकीय परिसरों में संचालित सात कैंटीन, स्व सहायता समूहों की किराना दुकानों, ग्राम संगठनों, समूह सदस्यों को बेचा जाएगा।

आजीविका मिशन विभाग के मुताबिक, नमक के कारोबार को लेकर तीन महीनों से बैठक और सेफ्रान कंपनी से बातचीत चल रही थी। अनुबंध के बाद कंपनी कम कीमत में उच्च गुणवत्ता का नमक उपलब्ध करा रही है।
एक टन पर होगा 20 हजार से ज्यादा का मुनाफा
परियोजना प्रबंधक मुकेश बिसेन ने बताया कि नमक के पैकेट बेचकर मुनाफा कमाने और महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए हीरापुर के प्रेरणा संगठन ने शुरुआत की है। इससे प्रेरणा संगठन को एक टन पर 20 हजार रुपये से अधिक मुनाफा होगा। इस नवाचार को लेकर लगभग तीन महीने पहले चर्चा हुई थी, जिसमें हीरापुर के संकुल स्तरीय संगठन ने कारोबार शुरू करने पर अपनी सहमति दी थी। संगठन ने इसके लिए छह लाख रुपये का निवेश किया है।
उच्च गुणवत्ता और कम कीमत का है नमक:
कच्छ से आने वाला ‘आजीविका नमक’ उच्च गुणवत्ता वाला होने के साथ अन्य नमक की तुलना में कम दाम में उपलब्ध होगा। बिसेन ने बताया कि अगर यह नवाचार सफल हुआ, तो इस नमक को मुख्य बाजार में उद्यम सखियां और बिजनेस डेवलपमेंट सर्विस प्रोवाइडर के माध्यम से प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा और विक्रय किया जाएगा। नमक की पहली खेप मिलने के बाद समूहों व संगठनों की बैठक होगी, जिसमें समूहों को उनकी डिमांड के मुताबिक नमक उपलब्ध कराया जाएगा। प्रयोग सफल होता है, तो इसकी बालाघाट से अन्य जिलों में भी सप्लाई करने की योजना है।
स्कूल मेस में सप्लाई की अनूठी पहल: जानकारी के अनुसार, बालाघाट जिले में संचालित छह एकलव्य विशिष्ट स्कूलों में मेस के संचालन का जिम्मा अन्य एजेंसियों को दिया जाता था, लेकिन कलेक्टर डा. गिरीश कुमार मिश्रा ने पहल करते हुए मेस के संचालन की जिम्मेदारी स्व सहायता समूहों की दी गई। अब यहां उन्हीं के मार्गदर्शन पर शुरू किए गए नवाचार के तहत आजीविका नमक की सप्लाई की जाएगी।
इनका कहना
संभवत: तीन-चार दिनों में 30 टन नमक की सप्लाई हमें मिल जाएगी। अहमदाबाद की कंपनी से अनुबंध होने के बाद बड़ी मात्रा में नमक की आपूर्ति हो रही है। इसे स्कूल मेस, शासकीय कैंटीनों, ग्रामीण संगठनों, स्व-सहायता समूहों को दिया जाएगा। सामान्य किराना दुकानों तक पहुंचाने के लिए भी इसे योजनाबद्ध तरीके से प्रचारित-प्रसारित किया जाएगा।

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