कांग्रेस और भाजपा के जन संपर्क जारी, दोनो प्रत्याशियों को मिल रहा अपार समर्थन

 

धन और वैभव का है इस बार विधानसभा चुनाव

विकास पवार बड़वाह – विधानसभा 182 में सत्य और असत्य,धन और वैभव का चुनाव है। इस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी सचिन बिरला और कांग्रेस प्रत्याशी नरेंद्र पटेल दोनो ही प्रत्याशी अपने अपने समर्थको के साथ जन संपर्क में जुटे हुए है। प्रतिदिन अलग अलग ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में जन संपर्क कर रहे। भाजपा प्रत्याशी सचिन बिरला ने सोमवार सुबह बड़वाह नगर के वार्ड क्रमांक 10 से अपना जन सम्पर्क शुरू किया। इस मौके पर श्री टाटम्बरी सरकार ने भी इस जन सम्पर्क में शामिल होकर बिरला को जीत का आशीवर्द दिया। जिसके पश्चात यह जन संपर्क नगर के मुख्य मार्गो से अलग अलग वार्डो में निकाला गया।इस दौरान कई स्थानों पर भाजपा समर्थको ने बिरला का तुला दान किया गया। वही कई स्थानों पर पुष्प माला पहनाकर बिरला का स्वागत सम्मान किया गया।
हालाकी दोनो दल के साथ ही नगर के निर्दलीय प्रत्याशी श्याम रावत भी अपने समर्थको के साथ पूरे जोश के साथ क्षेत्र में जन सम्पर्क कर रहे है। जबकि विस प्रत्याशियों के जनसंपर्क के दौरान ग्रामीण अंचल से तरह तरह की कई चर्चा सुनाई दे रही है। चुनाव के जन सम्पर्क के चलते पूर्व विधायक बिरला के कार्यकाल में विकास कार्य नही होने के मुद्दे गरमा रहे है। जबकि कांग्रेस प्रत्याशी नेता नरेंद्र पटेल जो पूर्व सांसद ताराचंद पटेल के भतीजे है। जिनके सामने पूर्व विधायक भाजपा प्रत्याशी सचिन बिरला का कश्मकश का विस चुनाव होना माना जा रहा है। सचिन बिरला कांग्रेस में रहकर 2018 में करीब तीस हजार वोट से जीते और भाजपा में शामिल होने के बाद फिर पार्टी ने उन्हें इस विस चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के रूप में चुवावी मैदान में उतरा है। ऐसी स्थिति में कांग्रेस उनकी पहेली पारी की गतिविधियों पर कई सवाल उठा रही है। इस कारण 2023 के विस चुनाव में दोनों दल के प्रत्याशियों के सामने जीत को लेकर बढी चुनौती है। 17 नम्बर को मतदान होने है। इसके पूर्व दोनो दल के प्रत्याशी अपने समर्थको के साथ पूरे जोश से नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में जन संपर्क कर रहे है।

कांग्रेस वचन पत्र पर, तो भाजपा अपनी योजना पर जीत के कर रही दावे —–

कांग्रेस नेताओ का कहना है की इस बार विधानसभा चुनाव भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों का के हार जीत का चुनाव नही है। इस बार दोनो के बीच धन और वैभव की लड़ाई है। जिसे पिछली बार समाज और कांग्रेस के कार्यकर्ताओ ने कड़ी मेहनत के बाद जीत दिलाई वह बिक गया। इस बार चुनाव में टिकाऊ और बिकाऊ का अंतर बताना है। हम हमारे वचन पत्र पर चुनाव जीतेंगे और जनता को उनका अधिकार दिलाएंगे ।इधर भाजपा नेता अपनी पार्टी की जन कल्याणकारी योजना और पूर्व विधायक के कार्यकाल में हुए विकास कार्य को लेकर जीत के दावे कर रही है। उनका कहना है की जिन हितग्राहियो को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री आवास योजना और जिन लाडली बहनाओ को योजना का लाभ मिला। और जो लाडली बहना इस योजना के तहत मिलने वाली राशि से आत्मनिर्भर बनी वह राष्टीय हित में कमल खिलाएगी। हालाकी इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता की दोनो पार्टी के प्रत्याशियों की जीत को लेकर मतदाता अभी पूरी तरह खामोश है। केवल कांग्रेस और भाजपा अपनी अपनी जीत के दावे कर रही है। लेकिन यह दावे किस पार्टी के लिए कितने कारगार साबित होंगे।इसका फैसला तीन दिसंबर को ईवीएम मशीन खुलने के बाद होगा।

 

दोनों दलों के समर्थक कर रहे अपनी जीत के दावे—–

मतदान के पूर्व दोनों दलों के प्रत्याशियों की चर्चा पर गौर करे तो बीजेपी समर्थक इस बार भी 40 हजार मतों से जीतने और कांग्रेस समर्थक भारी मतों से जीतने का दावा कर रहे है। लेकिन मतदाता की खामोशी और नगर ही नही ग्रामीण क्षेत्रों में भी दोनो पार्टी के प्रत्याशी के जन सम्पर्क में धूम मची हुई है। इसलिए जीत को लेकर तीन दिसम्बर तक कुछ स्पष्ट नही कहा जा सकता है, कि ऊँट किस तरफ करवट लेगा। हालाकी 2018 विस चुनाव के अनुरूप इस वर्ष 2023 के विस चुनाव में भी क्षेत्रवासी परिवर्तन करने की बात कह रहे है। ये वही लहर है। जो तीन बार विधायक रहे हितेंद्र सिंह सोलंकी के 2018 के विस चुनाव में देखने को मिली थी।

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