पूर्व नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन थामेंगे कांग्रेस का हाथ

अनोखा तीर, हरदा। भाजपा की राजनीति में मचे घमासान के बीच रविवार शाम को चौंकाने वाली खबर सामने आई है। जब, पूर्व नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन ने पहले अपने मातृदल भाजपा से इस्तीफा दिया। वहीं इसके चौथे दिन कांग्रेस की सदस्यता लेने का एलान कर दिया है। इसी के साथ जिले की राजनीतिक हलचल बढ़ गई है। साथ ही चौक-चौराहों समेत दूरदराज ग्रामों तक चर्चाओं का बाजार गर्मा गया है। इस संबंध में जारी प्रेस विज्ञप्ति में कांग्रेस के कार्यकारी ब्लाक अध्यक्ष गगन अग्रवाल ने बताया कि पूर्व नपाध्यक्ष मंगलवार 31 अक्टूबर को भोपाल पहुंचकर पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। अग्रवाल ने बताया कि श्री जैन जिला प्रभारी अवधेश सिसौदिया एवं जिला कांग्रेस अध्यक्ष आम पटेल के नेतृत्व में गाड़ियों के काफिले के साथ भोपाल जाएंगे। उनके साथ अन्य साथी भी शामिल रहेंगे। जो कि प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के समक्ष कांग्रेस पार्टी ज्वाइन कर चुनाव में मजबूती प्रदान करने के लिए जुटेंगे। यहां बताना होगा कि पूर्व नपाध्यक्ष सुरेन्द्र जैन हरदा जिले की राजनीति में खासकर शहर में अच्छा खासा प्रभाव रखते हैं। वे दो बार नगर पालिका के अध्यक्ष निर्वाचित हुए। दूसरे चुनाव में श्री जैन ने करीब 12 हजार मतों से विजयी हासिल की थी, जो कि अब तक की सबसे बड़ी जीत है। इसके अलावा श्री जैन वैश्य महासम्मेलन एवं दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष होने के साथ साथ प्रबंधन के मामले में माहिर माने जाते हंै। इन सबके अलावा सभी को साथ लेकर चलने का उनका स्वभाव आमजन में खासी पैठ रखता है।

चुनावी प्रबंधन में माहिर हैं जैन

विगत ३० वर्षों से भाजपा में सुरेंद्र जैन को चुनावी प्रबंधन के मामले में अमित शाह की तरह चाणक्य की संज्ञा दी जाती रही है। पिछले जितने भी चुनाव कमल पटेल ने लड़े हैं, उसमें चुनावी प्रबंधन सुरेंद्र जैन का ही रहा है, उन्हें पूरी विधानसभा के एक-एक कार्यकर्ता और बूथ प्रबंधन कैसे करना है, कहां किसको बैठाना है यह सब बात बखूवी मालूम है। उनके अब कांग्रेस में जाने से भाजपा को भले ही सीधे कोई वोटों का नुकसान नहीं होता दिखाई दे, लेकिन यदि कांग्रेस में उन्होंने मैनेजमेंट अपने हाथ में ले लिया तो निश्चित ही इस चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को नुकसान उठाना पड़ सकता है।

हरदा नगर में है मजबूत पकड़

पिछले विधानसभा चुनावों की बात करें तो भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल १९९३ में कांग्रेस प्रत्याशी विष्णु राजौरिया से ११ हजार ५६५ मतों से १९९८ में अनिल पटेल से १४ हजार ६९ मतों से विजयी हुई हैं, लेकिन इसके बाद कमल पटेल की ५ हजार से ७ हजार तक मतों में ही जीत-हार हुई है। वहीं दूसरी ओर हम सुरेंद्र जैन की बात करें तो वह दो बार हरदा नगरपालिका अध्यक्ष बन चुके हैं। वहीं उनकी पत्नी भी नगरपालिका अध्यक्ष बन चुकी हैं। पिछला चुनाव तो सुरेंद्र जैन ने हरदा नगरपालिका का १२ हजार से अधिक मतों से जीता था। इसलिए हरदा शहर में तो कहा जा सकता है कि उनका जनाधार भाजपा प्रत्याशी कमल पटेल से अधिक ही है।

नई पारी को लेकर उत्साहित

बता दें कि कुछ दिन पहले भारी मन से भाजपा को अलविदा कहने वाले पूर्व नपाध्यक्ष एवं कद्दावर नेता सुरेन्द्र जैन अपने इस फैसले के बाद खासे उत्साहित दिखे। चर्चा दौरान श्री जैन ने कहा कि यह खबर बिल्कुल सही है। ३१ अक्टूबर को सभी साथी एकत्रित होकर भोपाल के लिए रवाना होंगे। जहां प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ के समक्ष पूर्ण निष्ठा के साथ पार्टी की सदस्यता लेंगे।

Views Today: 2

Total Views: 74

Leave a Reply

लेटेस्ट न्यूज़

MP Info लेटेस्ट न्यूज़

error: Content is protected !!