ऑक्यूपेशन थेरेपी डे पर विशेष डॉ गर्ग

शारीरिक लकवा या जन्मजात विकृति पर विशेष उपयोगी साबित होती हे

भौरासा – जानते भौरासा नगर के डॉक्टर अरबिंदो मेडिकल कालेज के प्रोफेसर डॉ सुभाष गर्ग से की ऑक्यूपेशन थैरेपी क्या है डॉ सुभाष गर्ग ने नगर से पारंभिक शिक्षा हासिल कर के इंदौर के अरबिंदो मेडिकल कालेज में एडमिशन लेकर ऑक्यूपेशन थेरेपी की पढ़ाई पूरी कर अरबिंदो मेडिकल कालेज में प्रोफेसर बन गए साथ ही मरीजों को अपनी सेवाए प्रदान कर रहे हे ऑक्यूपेशन थेरेपी डे होने के कारण ऑक्यूपेशन थेरेपी से होने वाले फायदे की कुछ जानकारियां मुख्य जानकारियां हमे बताई हे और यहां थेरेपी किन किन बीमारियों पर उपयोगी साबित होगी उन बीमारियों का भी जिक्र किया गया है।

ऑक्यूपेशन थेरेपी सह चिकत्सा की वह विधा है जिसे किसी भी उम्र में शारीरिक मानसिक एवम व्यवहारिक समस्या से ग्रसित व्यक्ति को उसकी असक्ष्मता को मरीज की रुचि एवम कुशलता को जानकर सक्षमता को परिवर्तित करने दैनिक कार्यलाप में स्वतंत्र करने एवम व्यवसाय और सामाजिक रूप से पुनर्वासन करने का कार्य किया जाता हे
दूसरे शब्दों में कहें तो ऑक्यूपेशन थेरेपिस जीवन जीने का स्किल्स सिखाती है जो एक उद्देशपूर्ण और संतोषजनक जीवन जीने के लिए जरूरी हे ये रोगियों को सेंसर मोटर परसेपचुयाल और कागनेतिव एक्टिविटीज के जरिए रोजमर्रा की जिंदगी के सामान्य कार्य करने और काम पर लोटने में सक्षम बनाती हे

ऑक्यूपेशन थेरेपी में विभिन्न प्रकार की समस्या आती हे जेसी, शारीरिक लकवा या जन्मजात विकृति,मानसिक समस्या,एकाग्रता में कमी,सोचने समझने की क्षमता कमजोर होना,व्यवहारिक समस्या, असंगत बाते करना,गुस्सा या जिद करना,भावनाओ को व्यक्त करने में परेशानी,आंखों में देखकर बात नही करना,किसी भी कार्य को अधूरा या नही करना,चिड़चिड़ा होना,मौखिक समस्या जैसे लार गिरना,या बोलने में समस्या आना, पढ़ाई लिखाई नही कर पाना, व ऑक्यूपेशन थेरेपीस कई तरह के रोगों का डिसऑर्डस के उपचार में अपनी भूमिका निभाते हे जिनमे देरी से होने वाला विकास लार्निंग डिसऑर्डस ओटीजम,लकवा, रीड की हड्डी और मस्तिक की चोट ऑर्थोराईटीस,डिप्रेशन,शिजोफेनिया,डिमेशिया,और पार्किसंस जेसी समस्याएं शामिल हे
उक्त समस्याओं का इलाज ऑक्यूपेशन थेरेपी से होना अब संभव है

ऑक्यूपेशन थेरेपीस से उपरोक्त समस्याओं से ग्रसित व्यक्तियों की कार्य कुशलता का उपयोग कर उसे स्वतंत्र सामान्य जीवन व्यावासिक जीवन की ओर प्रेरित करता है।
ऑक्यूपेशन थेरेपीस में विभिन्न प्रकार की अब टेक्निक आ चुकी हैं जिससे अब इलाज होना भी सम्भव हो चुका हे
ऑक्यूपेशन थेरेपीस की योग्यता की बात करे तो इस कोर्स को करने के लिए बायोलाजी फिजिक्स केमेस्ट्री से12 वी से अच्छे नंबर से पास होना जरूरी होता हे
अधिकतर संस्थानों ने एंट्रेस एगजामो प्रवेश मिलता है

ऑक्यूपेशन थेरेपी 4 वर्षो का कोर्स होता हे और इसमें 6 महीने की इंटरशिप भी जरूरी होती हे बैचलर डिग्री के बाद मास्टर डिग्री और डॉक्टरल डिग्री भी कर सकते हे इस प्रोफेशनल में छात्रों को संवेदनशील होने से लेकर के वैज्ञानिक नजरिया तक अपनाना पड़ता है इसमें उन्हें मरीज के दुख को समझकर उनके हिसाब से उपचार करने की जरूरत पड़ती है अच्छी कम्युनिकेशन स्किल टीम वर्क मेहनती रिस्क उठाने और झेलने के जेसे गुण इस प्रोफेशनल के लिए बहुत जरूरी हे इसमें कुछ इलाज उपकरण से भी होते हे इसलिए उनका ज्ञान भी होना जरूरी हे और कुछ मेडिकल की पढ़ाई के ज्ञान से भी होता हे
समाज में ऑक्यूपेशन थेरेपी हर वर्ग हर उम्र महत्वपूर्ण भूमिका ही हे
ऑक्यूपेशन थेरेपी की शुरुआत भारत में सन 1950 हुई थी आज भी इस क्षेत्र में थेरेपिस की संख्या बहुत कम हे क्यों की इस विषय की जानकारी बहुत ही कम लोगो को होती हे इसलिए इसका इलाज नहीं करवा पाते हे
ऑक्यूपेशन थेरेपिस्ट सरकारी संस्था, प्राइवेट संस्था विद्यालय डे केयर सेंटर अच्छी खासी मांग हे 27 अक्टूबर को विश्व ऑक्यूपेशन थेरेपी दिवस के रूप में मनाया जाता हे
यहां उक्त जानकारी अरबिंदो के ऑक्यूपेशन थेरेपी के प्रोफेसर डॉक्टर सुभाष गर्ग ने दी व सभी से निवेदन किया हे की बताई गई जानकारी में से इस प्रकार कोई भी लक्षण होने पर डॉक्टर मिलकर सलाह ले और अपने आगे का उपचार करवाए कोई भी बीमारियों को हल्के में न लेना चाहिए

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