जो शतायु होते हैं, वे देवतुल्य हो जाते हैं : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री श्री चौहान विदिशा में स्व. श्री दांगी की शांति सभा में हुए शामिल

मुख्यमंत्री श्री चौहान आज विदिशा में समाजसेवी तोरण सिंह दांगी के पिता स्व. महाराज सिंह दांगी की शांति सभा में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अपनी और प्रदेश की जनता की ओर से स्व. श्री दांगी को श्रद्धांजलि दी। स्वर्गीय दांगी के परिवार जन और विदिशा के गणमान्य जन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि भारतीय परंपरा, सनातन संस्कृति कहती है कि शरीर नश्वर है, लेकिन आत्मा अजर-अमर है। आत्मा को शस्त्र नहीं काट सकता, आग जला नहीं सकती, पानी भिगो नहीं सकता, हवा सुखा नहीं सकती है। आत्मा अजर-अमर, अविनाशी, शाश्वत, सनातन, चिरंतन है। सच्चिदानंद आत्मा का वास्तविक स्वरूप है ।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि जब भी मैं महाराजसिंह जी से मिलता था, वे आशीर्वाद की वर्षा करते थे। उन्होंने बहुत यशस्वी जीवन जिया। गाँव के सरपंच के रूप में उन्होंने बहुत सारे कार्य कराए। जब गाँव को जरूरत पड़ी तो स्वयं की भूमि दान कर दी। सरपंच के रूप में किए गए उनके कार्य आज तक याद किए जाते हैं। वे सामाजिक कार्यकर्ता थे, मैं उनके चरणों में प्रणाम करता हूँ।

शांति सभा में जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती गीता रघुवंशी, विधायक हरिसिंह सप्रे, श्रीमती लीना जैन, श्रीमती राजश्रीसिंह, विदिशा नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती प्रीति शर्मा, विदिशा जनपद अध्यक्ष वीरसिंह रघुवंशी उपस्थित थे।

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