अनोखा तीर हरदा। किसानों को भू-अधिकार पुस्तिका उपलब्ध कराने के लिए राजस्व विभाग द्वारा दिशा-निर्देश जारी किए गए है। जारी निर्देशों के तहत अब नवीन भू-अधिकार पुस्तिका कंप्यूटरीकृत रूप में ही जारी होगी। वहीं पूर्व में जारी भू-अधिकार पुस्तिका यथावत प्रचलन में रहेगी। जबकि नवीन पुस्तिका कम्प्यूटरीकृत रूप पुस्तिका न्यूनतम दो पृष्ठों की होगी। इस दो पृष्ठों की भू-अधिकार पुस्तिका की कीमत 45 रुपये निर्धारित की गई है। अतिरिक पृष्ठ जोड़े जाने पर प्रतिपृष्ठ 15 रुपये देय होगा। भू-अधिकार पुस्तिका शुल्क अदा करने पर भूलेख पोर्टल पर आनलाइन आईटी सेन्टर, लोक सेवा केन्द्र एवं शासन द्वारा प्राधिकृत सेवा प्रदाता से प्राप्त की जा सकेगी।
पहले पेज पर होगी समग्र आइडी
भू-अधिकार पुस्तिका के प्रथम पृष्ठ पर संबंधित भूमिस्वामी की समग्र आईडी डाला जाना सुनिश्चित किया गया है। पुस्तिका पर भूमिस्वामी का फोटो मुद्रित होगा। यदि भूमिस्वामी का प्रकार निजी संस्था है तो भू-अधिकार पुस्तिका पर समग्र आईडी एवं फोटो की आवश्यकता नहीं होगी। यदि कृषक के पास आधार नंबर नहीं है अथवा वह आधार नंबर प्रदाय नहीं कर रहा है तो ऐसी स्थिति में कृषक का फोटो आनलाइन आवेदन करते समय लिया जाकर पटवारी से सत्यापित कराया जाएगा। पटवारी को फोटो तीन कार्यदिवस में सत्यापित करना होगा। पटवारी द्वारा कृषक के फोटो को पटवारी से सत्यापित भी कराया जाएगा। पुस्तिका जारी की जाएगी। मध्यप्रदेश भू-राजस्व संहिता नियम, 2020 के प्रविधान अनुसार भू-सर्वेक्षण उपरांत पहली बार यह पुस्तिका संबंधित भूमिस्वामी को नि: शुल्क प्रदाय की जाएगी। इसके अतिरिक्त भूराजस्व संहिता 1959 के अंतर्गत विनिर्मित नियमों में जहां जहां भू-अधिकार पुस्तिका नि:शुल्क जारी करने का प्रावधान है, संबंधित व्यक्ति को भू-अधिकार शुल्क निर्धारित है। नि:शुल्क दी जाने वाली भू-अधिकार पुस्तिका जारी करने के लिए तहसीलदार को भू-अधिकार भूलेख पोर्टल पर लागिन कर अपने लागिन से भू-अधिकार पुस्तिका का प्रिंट जारी करने का अधिकार होगा।
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