त्रिवेणी योग में लाखों श्रद्धालुओं ने पवित्र मां नर्मदा में लगाई आस्था की डुबकी

इंद्र देवता ने किया भगवान का जलाभिषेक, तीन किमी पैदल चल भक्तों ने किए दर्शन

जिले के शिवमंदिरों में पट खुलते ही दर्शन को उमड़ा भक्तों का सैलाब

खंडवा/ओंकारेश्वर। श्रावण माह के चलते शिवालयों में जनसैलाब उमड़ा रहा है। प्रात:काल से ही मंदिरों के बाहर लंबी-लंबी कतारें दर्शन के लिए लग रही हैं। शिव मंदिरों के पट खुलते ही चारों ओर बाबा भोलेनाथ के जयकारे गूंजने लगे। श्रावण के दूसरे सोमवार पर सोमवती और हरियाली अमावस्या होने के ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर सहित जिले के शिव मंदिरों में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। शहर के प्राचीन रामेश्वर कुंड, भीमकुंड, पदमकुण्ड और सूरज कुण्ड सहित शिव मंदिरों में भक्तों ने भगवान शिव की पूजा आराधना अभिषेक कर पुण्य लाभ लिया। ओंकारेश्वर में सोमवती अमावस्या पर लाखों श्रद्धालुओं ने ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर पहुंचकर पवित्र मां नर्मदा में स्नान कर ओंकारेश्वर-ममलेश्वर भगवान दर्शन कर पूजा अर्चना की। सावन सोमवार पर इंद्र देवता ने भी भगवान ओंकारेश्वर का जलाभिषेक किया। पूरे जिले में रिमझिम वर्षा का दौर रूक-रूक चलता रहा।

प्रात:काल से कतार में लग किए दर्शन
तीस वर्ष बाद आए त्रिवेणी योग के पावन पर्व सोमवार को श्रावण मास दूसरे सोमवार को दो लाख शिव भक्तों ने ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर और श्री ममलेश्वर के दर्शन किए। वहीं एक लाख भक्तों ने पवित्र नर्मदाजी में डुबकी लगाकर पुण्य लाभ लिया। ओमकार पर्वत की परिक्रमा कर प्राचीन मंदिरों के दर्शन किए। सोमवती, हरियाली, अमावस्या के साथ श्रावण मास भी शुरू हो गया है। प्रात: 3 बजे घाटो पर स्नान और दर्शन शुरू हो गए थे।
भीड़ को देखते हुए सुबह 7 बजे जल पात्र हटा दिया गया था। मंदिर में दर्शन कराए जा रहे थे। दोनों पुलों से लंबी लाइन लग गई थी। कांच के ऊपर से जल फूल बिल्वपत्र नारियल चढ़ाने के प्रयास में भक्त ज्योतिर्लिंग के दर्शन नहीं कर पा रहे थे। कोठी गांव से ओंकारेश्वर तक जाम की स्थिति बनती रही। भक्तों को 3 किलोमीटर पैदल चलकर दर्शन करना पड़े। निकासी का बड़ा गेट खुलने से जल्दी-जल्दी भक्त निकलते रहे। ओंकारजी के सामने कांच के ऊपरी खुले भाग को बंद नहीं किया गया। कभी भी ओंकारजी की पिंडी पर लोटा नारियल गिरने से नुकसान हो सकता है।

धूमधाम से निकली महासवारी
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को ज्योतिर्लिंग ओंकारजी महाराज एवं श्री ममलेश्वर महाराज सजी हुई पालकी में सवार होकर नगर भ्रमण के लिए निकले। रिमझिम बारिश के बीच अपरान्ह 4 बजे दोनों पालकी ढोल धमाकों के साथ पवित्र नर्मदा तट पर पहुंची। विद्वान पंडितों द्वारा षोडशोपचार पूजन एवं महाअभिषेक, महाआरती सम्पन्न कराई। वहीं इंद्र देवता ने वर्षा कर भगवान का जलाभिषेक किया। दोनों पालकियों को पुण्य सलिला नर्मदाजी में नोका विहार कराया गया। गौमुख घाट से दोनों भगवान भक्तों का हाल चाल जानने नगर भ्रमण के लिए निकले। महासवारी में भक्त भोले शम्भू भोलेनाथ का उद्घोष करते शिव भक्ति में मग्न होकर नाचते रहे। भक्तों ने फूल और गुलाल उड़ाकर भगवान का स्वागत किया। वहीं कपूर आरती कर अभिवादन किया।
गोमुख घाट से गांधी चौक, जेपी चौक, पुराने पुल से मुख्य बाजार होते हुए रात्रि 9 बजे महासवारी वापिस मंदिर पंहुची।

श्री कुबेरश्वर महादेव मंदिर में हुआ भंडारा  
श्रावण मास के दूसरे सोमवार को कुबेर भंडारी मंदिर में श्री कुबेरेश्वर महादेव का महाभिषेक आरती अनुष्ठान हुआ एवं श्रृंगार के साथ भंडारा महाप्रसदी हुई। संचालक किशोर बिरला ने बताया कि यहां धन के देवता कुबेर ने तपस्या कर शिवजी को प्रसन्न किया था। प्राचीन मंदिर बांध के कारण डूब गया है।

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