अनोखा तीर, हरदा। शंखनाद एक मुहावरा ही नहीं बल्कि भारतीय संस्कृति के पौराणिक इतिहास की हकीकत है। इसे पुरातन राजकाल में नरेशों की ओर से बजाया जाता था। महाभारत के युद्ध समय भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बजाया गया शंखनाद तो कालगणना में ही दर्ज है। मगर लुप्त होती इस शंखनाद कला को हरदा क्षेत्र में एक नन्हे बालक ने एकाएक अपनी क्षमता से पुनर्जीवित कर दिया है। इसे इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज किया गया है। इससे समस्त क्षेत्रवासी गौरवान्वित हुए हैं। ज्ञात हो कि यह उपलब्धि है नगर के सुनीता हरिशंकर तिवारी के सुपुत्र अनुज तिवारी की। इस बारे में बसंत सिंह राजपूत ने बताया कि महज 13 वर्ष का बालक जो कक्षा आठवीं में अध्ययनरत है। वह बिना रुके एक दो मिनट नहीं बल्कि 8 से 9 मिनट तक यानी 500 सेकंड तक शंखनाद करता है। यह सामान्य लोगों की क्षमता से अधिक होने के साथ एक विशेष कला है। बसंत सिंह राजपूत ने बताया कि बालक अनुज तिवारी ने बीते दिनों सुप्रसिद्ध कथावाचक पं. प्रदीप मिश्रा की कथा में शंखनाद कर अपनी कला का प्रदर्शन किया था। तब अनुज ने लगभग 8 मिनट बिना रुके शंखनाद किया था। वहीं बीते माह भगवान परशुराम जयंती पर भी बालक अनुज ने 8 मिनट 25 सेकंड तक बिना रुके शंखनाद किया था। इस अदभुत क्षमता के आधार पर अनुज तिवारी का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। अनुज तिवारी की इस उपलब्धि पर कृषि मंत्री कमल पटेल, नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती राजू कमेड़िया, ओलिंपिक संघ के अध्यक्ष संदीप पटेल, शिक्षक प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक बसंत सिंह राजपूत, बड़े भाई आशीष तिवारी एवं इष्टजनों ने उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए शुभकामनाएं दी है।
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