अनोखा तीर, खंडवा। मछलियों का प्रजनन काल होने से जलाशयों में मत्स्याखेट यानी मछली पकड़ने और परिवहन पर रोक लगी है। कलेक्टर भी मछली मारने का प्रतिबंधात्मक आदेश दे चुके हंै। इसके बावजूद खंडवा के मछली व्यापारियों ने आंध्र प्रदेश, बंगाल व अन्य राज्यों से मछली बुलाना शुरू कर दी है। सोमवार शाम थाना शहर कोतवाली पुलिस ने एक पिकअप को रोका और तलाशी ली तो वाहन में करीब 17 क्विंटल मछली भरी हुई थी। जांच के दौरान मछली का परिवहन अवैध पाया गया। पुलिस ने ड्राइवर के खिलाफ केस दर्ज मछली को तत्काल नीलाम कर दिया। टीआई बलरामसिंह राठौर के मुताबिक, थर्मोकोल के 40 बॉक्स में बर्फ डालकर मछली को भरा हुआ था। एक मछली का वजन करीब 3 से 4 किलो के बीच था। ज्यादा समय तक जब्ती में रहने से मछलियों की खराब होने की आशंका रहती थी। मत्स्य विभाग के अफसरों को बुलाकर तत्काल मछलियों की नीलामी कराई गई। 16 क्विंटल 80 किलो मछली की कीमत करीब १ लाख 60 हजार रुपए आंकी गई। खंडवा के ही एक मछली व्यापारी ने यह खरीद ली। उक्त नीलामी राशि को शासन के खजाने में जमा कराया जाएगा। पिकअप वाहन को पुलिस अभिरक्षा में लिया है।
हेड कांस्टेबल जितेंद्र खांडेकर ने पिकअप वाहन को लोहारी नाके के पास रोका था। जिसके बाद उसे थाना कोतवाली में खड़ा करा दिया। पुलिस ने मत्स्य विभाग के अफसरों को बुलाकर जांच कराई तो सहायक मत्स्य अधिकारी मनोज कावड़े ने बता दिया कि यह मछली अलग प्रजाति की हैं, जिनका तालाबों में व्यवसाय के लिए पालन होता है। तर्क दिया कि दक्षिण के राज्यों में खेती के तौर पर इसी मछली का उत्पादन बहुतायत होता है। इसलिए अन्य राज्यों में परिवहन होना आम बात है। बाद में थाने पहुंचे टीआई बलरामसिंह राठौर ने मामले को संज्ञान में लिया। तब मछली व्यापारी कोई दस्तावेज नहीं दिखा पाए। टीआई ने कहा कि प्रतिबंधात्मक और मछली एक्ट में केस दर्ज करो। इसके बाद पुलिस ने मत्स्य अधिकारी के तर्क एक तरफ रख दिए और पिकअप ड्राइवर समीर पिता इकबाल मंसूरी 25 वर्ष निवासी खानशावली के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया। कार्रवाई के दौरान थाना कोतवाली परिसर में मछली से जुड़े कारोबारियों की भीड़ लग गई थी।
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