अनोखा तीर, हरदा। सिविल लाइन थाने में जिले के आठ गांवों में फर्जी साइन से आदिवासियों एवं एससी वर्ग के लोगों के फर्जी नामांतरण के मामले में आरोपी 6 पटवारियों ओर 11 किसानों के खिलाफ नामजद एफआईआर दर्ज की गई है। अपर कलेक्टर प्रवीण फुलपगारे के जांच प्रतिवेदन के आधार पर सिविल लाइन थाने में जिले के आठ गांवों में फर्जी साइन से आदिवासियों, एससी वर्ग सहित शासकीय पट्टे की करीब 127 एकड़ कृषि भूमि को गैर आदिवासियों के नाम पर षड्यंत्रपूर्वक फर्जी हस्ताक्षर से नामांतरण के मामले में हंडिया तहसीलदार महेंद्रसिंह चौहान की शिकायत पर सिविल लाइन थाने में पटवारी कपिल प्रधान, जयंत जगेत, दीपक राजपूत, आशीष मालवीय, हरिराम कुमरे, प्रदीप परस्ते एवं भूमि स्वामी रेवापुर निवासी राजेश नर्मदाप्रसाद, लोकेश नर्मदाप्रसाद, जामलीदमामी शरद प्रेमनारायण, एड़ाबेड़ा निवासी बृजमोहन अमृतलाल, अखिलेश रामदयाल सहित अन्य महिला कृषकों पर धारा 420, 384, 34 आईपीसी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। गौरतलब है कि उक्त भूमि का शासकीय गाइड लाइन के अनुसार बाजार मूल्य 6 करोड़ के आसपास है। जिसे आरोपी पटवारियों ने किसानों से मोटी रकम लेकर फर्जी नामांतरण कर दिया है। इस मामले में जांच के दौरान दोषी पाए जाने वाले पांच पटवारियों को पूर्व में एसडीएम महेश कुमार बहनाह ने निलंबित कर दिया है।
18 पेजों की हुई एफआईआर
इस पूरे मामले में एडीएम प्रवीण फुलपगारे ने करीब 1400 पेजों में जांच रिपोर्ट तैयार की है। जिसमें बिना सक्षम अधिकारी के सहमति के फर्जी हस्ताक्षर से जमीन के नामांतरण करने का मामला उजागर हुआ है। जिसके आधार पर पुलिस ने 18 पेज की एफआईआर दर्ज की है। इन गांवों में हुआ जमीन का हेरफेर हरदा तहसील के अंतर्गत आने वाले सामरधा एवं हंडिया तहसील के ग्राम जामलीदमामी, धनगांव, कुसिया, गाड़रापुरसेठ, रेवापुर, इडरवा एवं नवरंगपुरा शामिल है।
कानूनगो शाखा से रिकार्ड की हेराफेरी
इस पूरे मामले में तहसील कार्यालय की कानूनगो शाखा से साजिश की शुरुआत हुई है। जिसमें उक्त भूमि की संशोधन पंजी को बाहर लाकर उसमें फर्जी हस्ताक्षर कर जमीन को हस्तांतरित किया गया है। जिसमें आदिवासी किसानों की खेतिहर भूमि के रिकार्ड में हेराफेरी कर उसे वापस कानूनगो शाखा में जमा कराकर कुछ दबंगों को लाभ देने का प्रयास सोची समझी साजिश के तहत किया है। उधर राजस्व विभाग की जांच में जिन किसानों के नाम पर फर्जी साइन से उक्त जमीन की गई है। उन्होंने अपने बयान में पटवारियों के द्वारा उनसे रुपये लेकर उक्त भूमि को उनके नाम पर करने की बात कही गई है। जिसमें पटवारियों ने उनसे करीब १ करोड़ रुपये लिए बतौर रिश्वत लेने की बात भी सामने आने की चर्चा है। बताया जा रहा कि इस कार्य को करने के लिए करीब तीन सालों से षड्यंत्र रचा गया था। जिसके कागजात हरदा की एक लॉज में बैठकर पटवारियों ने तैयार किए हैं। पुलिस के अनुसार जांच में पटवारियों के अलावा राजस्व विभाग के ओर भी कर्मचारी आरोपी बन सकते है।
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