यह बात गलत है….

आप जो यह तस्वीर देख रहे हैं, वह शहर के सिविल लाइन स्थित पानी की टंकी का दृश्य है। जहां सालों पुराना जीर्णशीर्ण सिढ़ाओं आज भी जैसा का तैसा खड़ा है। जबकि करीब 4 साल पहले राजधानी भोपाल में हुए हादसे के बाद नगरीय प्रशासन विभाग ने समस्त नगर पालिका, नप एवं नपं को अपने-अपने कार्य क्षेत्र अथवा पेयजल वितरण केन्द्रों पर इस तरह की अव्यवस्था की पड़ताल करने को पाबंद किया था। साथ ही ऐसे स्थानों को या यूं कहें कि गिरने की कगार पर पहुंचे पक्के निर्माण के आसपास व्यवस्था दुरूस्त करने की बात कही थी। इसी तारतम्य में स्थानीय नपा ने तुरंत संज्ञान लेकर सिविल लाइन स्थित पेयजल वितरण केन्द्र पर सफेद टंकी के क्षतिग्रस्त सिढाओं को सुरक्षित कर दिया था। वहीं उसके नीचे कमरों में निवासरत कर्मचारियों के परिवारों को दूसरी जगह शिफ्ट किया था। लेकिन इन सबके बावजूद खतरा अभी टला नही है। क्योंकि क्षतिग्रस्त सिढाओ को अब तक डीस्मेंटल नही किया जा सका है। जिसके चलते किसी अनहोनी का डर लाजमी है। स्थानीय लोगों के मुताबिक जिस जगह पर सिढाओ बना है। उसके ठीक नीचे बाउंड्रीवाल है, वहीं उस पार बाउंड्री से लगा व्यस्ततम मार्ग भी है। जो सिढाओ की जद में आता है। यही कारण है कि लोग इसे देखकर दो टूक कह देते हैं, कि यह बात गलत है।

Views Today: 2

Total Views: 18

Leave a Reply

लेटेस्ट न्यूज़

MP Info लेटेस्ट न्यूज़

error: Content is protected !!