अनोखा तीर हरदा। आगामी 1 जुलाई से प्रदेश में सभी स्थानों की रेत खदानें तीन माह के लिए बंद हो जाएंगी। इसके साथ ही एक बार फिर रेत महंगी होने का समय शुरू हो जाएगा। वर्तमान समय में यूं भी रेत के भाव आसमान छू रहे हैं। अब खदान बंद होने के बाद लोगों को एक डंपर रेत पर आठ से दस हजार रुपये अधिक देने पड़ सकते हैं।
भंडारण में जुटे ठेकेदार-
आगामी दो-तीन माह बारिश को देखते हुए सभी रेत ठेकेदार इसका भंडारण करने में व्यस्त हो गए हैं। उनकी इस बार ज्यादा रेत का भंडारण करने की कोशिश है, क्योंकि उनका ठेका भी जल्द खत्म होने वाला है। यदि पर्यावरणीय और उत्खनन अनुमति लेने में देरी हुई तो नए ठेकेदार अक्टूबर में उत्खनन शुरू नहीं कर पाएंगे। ऐसे में अभी भंडारित की गई रेत ही बिकेगी।
अनुमति लेकर ही ठेके देगी सरकार
प्रदेश सरकार की नई रेत नीति अक्टूबर से लागू की जा रही है। इसमें उत्खनन सहित अन्य सभी अनुमतियां लेकर ही खदानें ठेकेदारों को सौंपी जाएंगी। ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि पिछली बार के अनुभव खराब रहे हैं। ठेकेदार दो-दो साल भटकने के बाद भी अनुमतियां नहीं ला पाए। इसलिए कुछ ने खदानें छोड़ दीं, तो कुछ के ठेके रायल्टी की राशि नियमित जमा न करने के कारण निरस्त कर दिए गए। इस प्रकार वर्तमान ठेकेदार अधिक से अधिक मुनाफा अभी कूटने के फेर में दिखाई दे रहे हैं।
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