निजी कृषि भूमि में रातो रात निकाल दिया रास्ता, खेती में हो रही परेशानी

देवास- न्यायालय तहसीलदार द्वारा नवीन आदेश को अनदेखा कर पूर्व आदेश प्रभावित करते हुए निजी भूमि में जबरन रास्ता निकाले जाने की शिकायत को लेकर जिले के ग्राम डांगरखेड़ा निवासी सुशीला बाई एवं हरिओम ने  जनसुनवाई में आवेदन सौंपा। आवेदन में बताया कि सतवास तहसील के ग्राम डांगरखेड़ा में कृषि भूमि है। भूमि पर जाने का जो रास्ता है उस पर रातो रात गोपाल, गजानंद, हरिमोहन, दुर्गेश और अभिषेक सभी निवासी डांगरखेड़ा ने खम्बे व तार फेंसिंग कर दी और रास्ता निकाल दिया, जिससे मुझे खेती में परेशानी हो रही है। कृषि भूमि माताजी के नाम से है ओर माताजी की आयु अधिक होने से वे कहीं आ जा नही सकती। उनका स्वास्थ्य भी ठीक नही है। उसके बावजूद भी इन लोगों द्वारा माताजी को परेशान व प्रताडि़त किया जा रहा है। हरिओम ने बताया कि हमे जान से मारने की धमकी देते है।

आरोप लगाते हुए बताया कि राजस्व अधिकारियों की सांठगांठ से खेत के आसपास कांटेदार की बागड़ लगा दी। जिसका कोई औचित्य नही है। साथ ही मेरा रास्ता भी बाधित हो रहा है और इन लोगों के द्वारा अवैध अतिक्रमण सतत रूप से जारी है। स्थानीय अधिकारियों के समक्ष भी पीड़ा जाहिर की। उसके बावजूद भी सुनवाई नही हो पाई। रास्ता निकाले जाने से मेरी फसल भी नष्ट हो रही है। मेरी कृषि भूमि के पास से जो शासकीय नाला निकला हुआ है उसके ऊपर मिट्टी की पाल चढ़ा दी। पाल चढऩे से मेरी व मेरी माता की कृषि भूमि पर जो बारीश का जल निकासी था वह पूर्ण रूप से बंद हो गया है। पीडि़त किसान ने मांग की है कि तहसीलदार द्वारा निजी भूमि मे जो रास्ता दिया गया है उसे बंद कराया जाए।

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