बैतूल :- जेएच कॉलेज बैतूल में मध्यप्रदेश शासन स्वास्थ्य विभाग एवं जिला चिकित्सालय बैतूल के आदेश के परिपालन में ‘विश्व तंबाखू निषेध पखवाड़ा’ मनाया गया। यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक न्याय विभाग एवं जेएच कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में प्राचार्य डॉ. राकेश कुमार तिवारी के संरक्षण में नोडल अधिकारी डॉ. सुखदेव डोंगरे के मार्गदर्शन में एवं संयोजक डॉ. दीपक मानकर, रासेयो कार्यक्रम अधिकारी डॉ. गोपाल साहू, डॉ. शीतल खरे के नेतृत्व में आयोजत किया गया। प्रो. योगेश्वरी पंवार के नेतृत्व में प्रभात फेरी, मानव श्रृंखला का आयोजन किया गया। डॉ. शिवदयाल साहू, डॉ. सुदामा कोकाटे, प्रो. राजा अतुलकर ने नशामुक्ति के संदेश वाले बैनर बनवाकर महाविद्यालय के गेट, कार्यालय के सामने, विज्ञान भवन, लाइब्रेरी, कला संकाय भवन एवं वाणिज्य भवन में लगाए। माधुरी धोटे, डॉ. निशा सोनी ने राष्ट्रीय नशामुक्ति हेल्प लाइन नंबर 14446 का व्यापक प्रचार-प्रसार किया। स्वास्थ्य विभाग की मीडिया प्रभारी श्रुति गौर तोमर ने नशे को जीवन का नाश बताया।
पोस्टर प्रतियोगिता में प्रथम प्रियंका नागले, द्वितीय भूमिका चौकीकर, तृतीय स्थान हिना शेख ने प्राप्त किया। भाषण प्रतियोगिता में प्रथम खुशी दीक्षित, द्वितीय पल्लवी पंवार, तृतीय पलक चौधरी तृतीय स्थान पर रहीं। नुक्कड़ नाटक प्रतियोगिता में शिवानी मोहबे के 18 सदस्यीय दल ने नशामुक्ति पर नुक्कड़ नाटक पेश किया जो प्रथम रहा। निबंध लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान सिया गंगारे, द्वितीय स्थान श्वेता झाड़े, तृतीय स्थान भूमिका राने ने प्राप्त किया।
विश्व तंबाकू निषेध पखवाड़े के अंतर्गत 6 जून 2023 को विचार संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
जिसकी थीम ‘हमें भोजन की आवश्यकता है तंबाकू की नहीं’ जिसमें डॉ. राकेश कुमार तिवारी ने कहा महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक, सहायक प्राध्यापक, अतिथि विद्वान, कर्मचारी एवं विद्यार्थी को स्वयं तंबाखू युक्त पदार्थों का सेवन ना करते हुए दूसरों को तंबाकू के दुष्परिणाम से सअवगत कराना चाहिए। डॉ. सुखदेव डोंगरे ने कहा तंबाकू खाना मौत को बुलावा देना जैसा है। तंबाकू के सेवन से कैंसर जैसे भयानक रोग होने की पूरी संभावना होती है। पुरस्कार वितरण में भौतिक शास्त्र के विभागाध्यक्ष डॉ. सलिल दुबे, डॉ. मीनाक्षी चौबे, मनोज घोरसे, प्रो. दीपिका साहू, योगेश मिश्रा, डॉ. रितु साहू, प्रो. किरण खातरकर, डॉ. प्रीतिबाला पाल, डॉ. शारदा कौशिक, डॉ. सरोज जावलकर, प्रो. प्रीति नावंगे आदि का सक्रिय योगदान रहा। कार्यक्रम का संचालन प्रो. संतोष पंवार एवं आभार प्रगट डॉ. राजेश शेषकर के द्वारा किया गया।
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