जहरीला धुंआ…
कचरे के ढ़ेर में आग लगने की वजह से उठने वाला धुंआ ना केवल फेफड़ों पर विपरीत प्रभाव डालता है बल्कि इस समस्या के चलते कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इसकी मुख्य वजह से शहर से निकलने वाले कचरे में केमिकल और रेडियोएक्टिव कम्पाउंड मौजूद रहता है। यह केमिकल जहां कैंसर जैसी भयाभय बीमारी को बढ़ावा देता है, वहीं वायुमंडल एवं ओजोन परत के लिये भी नुकसानदायक है। कुछ इसी तरह की समस्या से शहरवासी लंबे समय से परेशान हैं।
अनोखा तीर, हरदा। शहर के वार्ड क्रमांक 31 में स्थित मुक्तिधाम के पास हर रोज कई ट्रालियां भरकर कचरा फेंका जाता है। जिसमें असामाजिक तत्वों के द्वारा आग लगायें जाने के घातक धुंआ के गुबार उठते हैं, जो आसपास के आबादी क्षेत्र को खासा प्रभावित करता है। यह समस्या कोई आज या कल नही बल्कि लंबे समय से यही हाल है। इसको लेकर धरना-आंदोलन एवं विरोध-प्रदर्शनों के बावजूद इसका स्थायी समाधान नही हुआ है। हालांकि शहर की ज्वलंत समस्या खासकर पर्यावरण से जुड़े इस मुद्दे को लेकर जिला एवं नगर प्रशासन गंभीर है। ट्रीचिंग ग्राउंड सहित उसके निपटान को लेकर कार्ययोजना प्रस्तावित है। यहां देखना होगा कि आम जनमानस को आखिर इससे कब निजात मिलेगा। क्योंकि ये समस्या पर्यावरण एवं जनस्वास्थ्य के अलावा आसपास के कृषकों की सबसे कड़ी दुविधा है। ट्रीचिंग ग्राउंड से प्लास्टिक की पॉलीथिन समेत अन्य कचरा उड़कर सीधे उनके खेतों में पहुंचता है, जो कहीं ना कहीं कृषि भूमि की सेहत पर सालों से बुरा असर डाल रहा है। उल्लेखनीय है कि कचरे के ढ़ेर में आग लगने के बाद उठने वाला धुंआ ना केवल फेफड़ों के लिये घातक है बल्कि इस समस्या के चलते कैंसर का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है। इसकी मुख्य वजह शहर से निकलने वाले कचरे में केमिकल और रेडियोएक्टिव कम्पाउंड की मौजूदगी है, जो कैंसर जैसी भयाभय बीमारी को बढ़ावा देता है। साथ ही वायुमंडल एवं ओजोन परत के लिये भी नुकसानदायक है। इस संबंध में चिकित्सकों का कहना है कि कचरा जलाने की वजह से विषैली गैस उत्पन्न होती है, जो अस्थमा का शिकर तथा अस्थमा पीड़ित मरीजों के लिए नुकसानदायक है। लंबे समय तक जहरीले धुएं के संपर्क में रहने से कैंसर जैसी खतरनाक बीमारी की संभावना बढ़ जाती है।
धुंए की जद में आसपास के इलाके
इस समस्या को लेकर प्रभावित परिवारों का कहना है कि मुक्तिधाम के पास कचरा, कचरे के ढ़ेरों से धुंआ एवं मृत मवेशियों के कारण ट्रीचिंग ग्राउंड के पास 5 मीनिट खड़े रहना मुश्किल है। वहीं धुंए की जद में आने वाले आसपास के कुछ मोहल्लों के रहवासी बुरी तरह समस्याग्रस्त हैं। उन्होंनें तेज हवा दौरान यही समस्या बाजार क्षेत्र तक पहुंचने की बात कही।
बुजुर्ग व मरीजों को परेशानी
पर्यावरण को घातक धुंआ प्रदूषित कर देता है। जिसके चलते नजदीकी आबादी क्षेत्र के लोग खासकर बुजुर्ग व बीमारियों से ग्रसित लोग खासे परेशान हैं। साथ ही अन्य लोगों की सेहत भी दांव पर लगी है। अस्वच्छ वातावरण में सांस लेना दुभर हो जाता है। वहीं दूसरी ओर शहर के ट्रीचिंग ग्राउंड के धुंए की वजह से स्वच्छ पर्यावरण के तमाम प्रयास धरे की धरे रहना लाजमी है।
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