*आठनेर मुकेश सोनी*
नगर से 5 किलोमीटर दूर दक्षिण दिशा में स्थित गुप्तेश्वर धाम में प्रति वर्ष अनुसार इस वर्ष भी महाशिवरात्रि पर लगने वाले मेले की तैयारियां पूर्ण कर ली गई है इस संबंध में भोला मंडल चौरागढ़ गुप्तेश्वर समिति के अमित जीतपुरे रविअड लक विनोद कनाठे महादेव गावंडे विनोद शिरपुरे संजू लोखंडे राकेश राठौर आदि सभी समिति के सदस्यों ने बताया कि हमारा मंडल 6 फरवरी को आठनेर से पचमढ़ी के लिए त्रिशूल शक्ति लेकर रवाना हुआ था जो 12 फरवरी 2023 को वहां से वापस आकर आठनेर के चौरागढ़ मंदिर में रंग रोपण एवं लगने वाले मेले की व्यवस्था हेतु पूरा मंडल एवं समिति के सभी जेस्ट श्रेष्ठ कार्यकर्ता इस कार्य में दिन-रात जुटे हुए हैं इस संबंध में विनोद कनाठे ने बताया किचौरेयाबाबा एवं शिवलिंग भगवान शंकर आदि सभी प्रतिमाओं को भी इस वर्ष रंग रोपण किया गया है लगातार प्रतिवर्ष हमारी समिति का उद्देश्य रहता है कि इस मेले में आने वाले हजारों भक्तों को शिवरात्रि पर्व पर प्रति दिन प्रातः 10:00 बजे से महा आरती के बाद प्रारंभ होने वाले भंडारा प्रसादी में साबूदाना की खीर का वितरण प्रातः 10:00 बजे से रात 10:00 बजे तक इस दो दिवसीय मेले में रहेगा इस संबंध में राकेश राठौर ने बताया कि भोला मंडल चौरागढ़ गुप्तेश्वर समिति द्वारा मेले में आने वाले सभी श्रद्धालुओं के लिए पेयजल व्यवस्था भंडारा प्रसादी व्यवस्था समिति द्वारा प्रतिवर्ष की जाती है इस वर्ष भी की गई है जो सभी भक्तों की श्रद्धा अनुसार एवं सुख सुविधा अनुसार सारी समिति कार्य करती है समिति के रवि अडलक ने बताया कि साफ-सफाई पर्यावरण का ध्यान में रखते हुए पन्नी का यूज़ पूर्ण रूप से प्रतिबंध किया गया है एवं समिति के सभी सदस्य गण मंदिर में होने वाले अपृष्ठ पदार्थों का तुरंत अलग ले जाकर उन्हें तुरंत नष्ट कर दिया जाएगा यह दो दिवसीय मेला प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी प्रातः से ही पूजन पाठ एवं भगवान शंकर चौरेया बाबा शिवलिंग एवं सभी देवी देवताओं का अभिषेक पूजन पाठ के साथ महाशिवरात्रि का पर्व बड़ी श्रद्धा पूर्वक धूमधाम से मनाया जाएगा ज्ञात रहेगी इस गुप्तेश्वर मेले में आसपास के सभी ग्राम बोरपानी मुसाखेड़ी जावरा धनोरा धनोरी गुण खेड़ गुजर माल ठाणी मांडवी राजोला अकलवाड़ी उमरीसातनेरसावगी हिवरा कोयला री बरखेड मजले घोघरा सवासन छिंदवाड़ा ऐन खेड़ापुसली टेमुरनी आठनेर सहित आसपास के अन्य ग्रहों से भी हजारों श्रद्धालु इस दो दिवसीय महाशिवरात्रि मेले में गुप्तेश्वर धाम में पहुचते हैं एवं व्यापारी गण भी अपने-अपने प्रतिष्ठान एवं सभी पूजन पाठ की सामग्री से लगाकर अन्य दुकानें भी इस मेले में लगाई जाती है जिससे यह मेले की सुंदरता और भी बढ़ जाती है *पचमढ़ी जैसा रूप दिया है* *मंदिर को* गुप्तेश्वर धाम का चौरागढ़ मंदिर ऐसा लगता है जैसे अपनेआठनेर के गुप्तेश्वर मंदिर में नहीं पचमढ़ी के मंदिर में है और आठनेर से पचमढ़ी के मंदिर का दर्शन एवं पचमढ़ी के मंदिर जैसी आठनेर के चौरागढ़ मंदिर की कॉपी हुबहू की गई है उन्हीं साथ सज्जन आकृति से बना यह मंदिर ऐसा लगता है जैसे पचमढ़ी के मंदिर की कहानी कहता होबड़ा मनमोहक दृश्य प्रातः भगवान सूर्य अपनी लालिमा इस मंदिर के कलश पर प्रथम किरण के साथ बरसाते हैं यह दृश्य बहुत ही मनमोहक रहता है
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