नर्मदा नदी में रेत माफियाओं का हैरतअंगेज कर देने वाला कारनामा

राजस्व और पुलिस विभाग के सहयोग से बड़ी कार्यवाही में 9 ट्रैक्टर जप्त

खरगोन- जिले में रेत माफियाओं का हैरतअंगेज कर देने वाला कारनामा नर्मदा नदी में किया जा रहा था। इस कारनामे पर खनिज विभाग ने मुस्तैदी के साथ बड़ी कार्यवाही को अंजाम दिया है। वाक्या सोमवार दोपहर का है। खनिज अधिकारी के पास दोपहर 2 बजे मण्डलेश्वर अनुभाग के सुलगांव में बड़ी संख्या में रेत के अवैध खनन और ट्रेक्टरों से परिवहन की सूचना मिली। खनिज अधिकारी अपने अमले के साथ तुरंत पिकअप में संवार होकर और फिर मोटर सायकिल के सहारे खनन स्थल पर पहुँचे। हालांकि दल के पहुँचने की जानकारी मिलते ही खनिज माफिया ट्रैक्टर खाली कर भाग निकले। लेकिन इस कार्यवाही से रेत माफियाओं के हौसले जरूर पस्त होंगे।

अवैध रेत खनन का दृश्य कुछ इस तरह देखा

सुलगांव में नर्मदा नदी से करीब 30 से 40 नाव से इंजन के सहारे रेत निकाली जा रही थी। इंजन से यह सुविधा होती है कि रेत से पानी निकल जाता है और रेत नाव में रखी जाती है। फिर रेत को पानी में ही या बाहर किनारे पर सुविधानुसार एकत्रित कर ली जाती है। इसके बाद आगे का काम ट्रैक्टरों के माध्यम से परिवहन कर काम किया जाता है। खनिज विभाग के पहुँचने की भनक लगते ही कुछ ट्रैक्टर खाली करके भाग निकले। विभाग के अमले ने गांव में ट्रैक्टरों को रोका।

अमले को 200 से 300 ग्रामीणों ने घेरा

कार्यवाही का असर इस बात से भी अनुमान लगाया जा सकता है कि जब कार्यवाही की जा रही थी। तब खनन में शामिल परिवार के सदस्यों ने टीम को घेर लिया। इस समय ऐसा माहौल बना मानो  बड़ी घटना हो सकती है। खनिज अधिकारी ने मौका देखकर कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम और एसपी धर्मवीर सिंह को मामले की जानकारी दी। इसके बाद एसडीएम और पुलिस को सूचना दी। पुलिस आने तक अमला अपने स्थान पर जमा रहा। इस दौरान परिजनों से हंगामा करते हुए ट्रैक्टरों की वायरिंग वगैराह क्षतिग्रस्त करने लगे।

नर्मदा किनारे पर 40 से 50 टीले बना दिये

खनिज अधिकारी सावन चौहान ने बताया कि कार्यवाही के दौरान देखा गया कि नर्मदा किनारे ट्रैक्टरों के द्वारा नदी से बाहर निकाली रेत के लगभग 40 से 50 टीले बनाये हुए मिले हैं। कार्यवाही में ट्रैक्टर थाने तक लाने में रात 10 बज चुके थे।

मण्डलेश्वर एसडीएम ने भी मौर्चा संभाला

खनन स्थल पर अवैध उत्खननकर्ता तथा उनका साथ देने वाले उनके परिजनों द्वारा हंगामा करने लगे। इस बीच एसडीएम दिव्या पटेल पुलिस फोर्स के साथ पहुँची। यहां लगभग 60-70 महिलाओं द्वारा ट्रेक्टरों को रोक लिया था। तभी एसडीएम दिव्या पटेल द्वारा स्वयं आगे आकर महिला आरक्षकांे के साथ मिल कर उन्हें पीछे किया तथा पुलिस दल की मदद से सभी ट्रेक्टर चालू कर वहा से ट्रेक्टरों को थाना मंडलेश्वर में खड़ा करवाया।

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