शेखर कौशल, देवास। देखा जाए तो आबकारी विभाग आए दिन अवैध शराब के निर्माण, भंडारण के विरुद्ध कार्यवाही का ढिंढोरा पीटते हुए मीडिया में वाहवाही बटोर रहा है, लेकिन जमीनी हकीकत है कि जिला आबकारी विभाग के खुले आशीर्वाद के चलते शराब ठेकेदारों ने जिले भर में अवैध शराब के कामकाज में धूम मचा रखी है। शराब ठेकेद्वारा द्वारा चार पहिया वाहन से बड़े पैमाने पर अवैध शराब भी क्षेत्रों में सप्लाई की जा रही है। इसके साथ ही शहर में बड़े पैमाने पर अवैध रूप से अहाते भी संचालित किए जा रहे हैं। यहाँ तक कि अभी तक कई अहातों कोई शुल्क तक जमा नहीं किया गया है। इसके बाद भी खुलेआम आहते संचालित किए जा रहे है। मामला यही खत्म नही होता। जिलेभर सभी शराब दुकानों से किसी भी शराब दुकान द्वारा उपभोक्ताओं को बिल नहीं दिया जाता है। सबसे हैरतअंगेज बात यह है कि इन सभी अवैध कामों की खबर आबकारी विभाग को है, लेकिन इसके बाद भी आबकारी विभाग अपनी आंख और कान बंद करके खुलेआम इन अवैध कामों का समर्थन कर रहा है। जिला आबकारी अधिकारी वंदना पांडेय की कार्यप्रणाली भी कई सवाल खड़े होते है। सब कुछ खबर होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। कई बार इन सभी मामलों की जानकारी के लिए जिला आबकारी अधिकारी वंदना पांडेय से संपर्क किया जाता है। या तो मेडम फोन नहीं उठाते हैं या फिर वल्लभ भवन का बहाना करके अपनी जिम्मेदारियों से पल्ला झाड़ लेते हैं। इतना ही नहीं क्षेत्र में अवैध शराब का काम करने वाले ठेकेदारों के हौसले इस कदर बुलंद है। कि खुलेआम चौकी थानों के सामने से अवैध शराब का परिवहन बेखौफ होकर करते हैं। देखा गया है कि आबकारी विभाग के जिम्मेदार अधिकारी चाहे वह महिला निरीक्षक हो या फिर पुरुष निरीक्षक या फिर वरिष्ठ अधिकारी हो सभी ने लगभग ठेकेदारों को अवैध काम करने का खुलेआम आशीर्वाद दे रखा है कि आप दिल खोलकर खुलेआम अवैध शराब का कारोबार कीजिए, हम कोई कार्यवाही नहीं करेंगे, यदि किसी मामले में आबकारी विभाग के अधिकारियों को इन अवैध कामों की सूचना दी जाती है तो अधिकारी सीधे से इन ठेकेदारों को यह सूचना पहुंचा देते हैं कि आपकी शिकायत आई है। कुल मिलाकर देखा जाए तो आबकारी विभाग कहने को रह गया है। आबकारी विभाग की कार्यवाही केवल कच्ची शराब एव महुआ लहान तक ही सीमित है, जबकि खुलेआम शराब ठेकेदारों की उंगली पर कठपुतली की तरह नाच रहा है। मध्य शहर में छोटी छोटी गुमटियों, दुकानो, घरों से लेकर शहर की सीमा से लगे बायपास मार्ग पर स्थित ढाबों, होटलों पर सुबह सूर्य निकलने से लेकर आधी आधी रात तक अवैध रूप से शराब बेची जा रही है। आबकारी विभाग के अधिकारियों को सबकुछ दिखाई दे रहा है, लेकिन परिवार उजाडऩे एवं युवा पीढ़ी को नशे के गर्त में ढकेलने वाले अवैध शराब विक्रय के कारोबार को प्रश्रय देते हुए आबकारी अधिकारी जमकर चांदी काट रहे है। शहर के बीच गली, मोहल्लो से लेकर कालोनियों में अवैध अथवा डायरियों के द्वारा शराब की बिक्री से जहां क्षेत्रीय रहवासियों, महिलाओं को नशाखोरी करने वालो की गालीगलौच, अभद्रता का सामना करना पड़ता है, वहीं बायपास मार्ग इन्दौर रसलपुर की और हो या भोपाल, मक्सी की और बायपास मार्ग पर स्थित ढाबों, होंटलों पर दिन रात अवैध शराब बेची जा रही है। परिवारों को उजाड़ा जा रहा है। युवाओं के जीवन से खिलवाड़ किया जा रहा है। आबकारी विभाग के अधिकारी अपनी जेब भरने अथवा जमकर चांदी काटने में लगे हुए हैं।
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