अनोखा तीर नर्मदापुरम। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली एवं मध्यप्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर के निर्देषानुसार एवं प्रधान जिला एवं सेशन न्यायाधीश के 08 मार्च 2025 को नेशनल लोक अदालत का अयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम द्वारा जिला न्यायालय नर्मदापुरम सहित तहसील न्यायालयों इटारसी,पिपरिया,सोहागपुर,सिवनीमालवा में किया गया। नेशनल लोक अदालत का उद्घाटन एवं शुभारंभ मनोज कुमार (सीनि.) विषेष न्यायाधीश /नोडल अधिकारी नेशनल लोक अदालत एवं दीपक कुमार गुप्ता, प्रधान न्यायाधीष द्वारा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति पर माल्यापर्ण एवं दीप प्रज्जवलन कर किया गया। नेशनल लोक अदालत के उद्घाटन एवं शुभांरभ कार्यक्रम में मनोज कुमार (सीनि.) विषेष न्यायाधीश/नोडल अधिकारी, नेशनल लोक अदालत, प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय, दीपक गुप्ता, जिला न्यायाधीष जफर इकबाल, अभिनव कुमार जैन, सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण विजय कुमार पाठक, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट फिरोज अख्तर, जूनियर डिवीजन, श्रीमती प्रियंका रतोनिया, दिव्या मित्तल, स्वाति कौषल, प्रधान मजिस्ट्रेट किषोर न्याय बोर्ड श्रीमती रूचि पाण्डेय, अध्यक्ष जिला अभिभाषक संघ दीपक जैन, सचिव, जिला अभिभाषक संघ मनोज जराठे, चीफ लीगल एड डिफेंस काउंसिल सतीष तिवारी, डिप्टी चीफ पंकज तिवारी, अनंत तिवारी, असिस्टेंट लीगल एड डिफेंस काउंसिल श्रीमती पूजा अवस्थी, मंगल सिंह परिहार, पंखुरी बराड़िया, सुलहकर्ता सदस्य श्रीमती नेहा पाण्डे, सुश्री नेहा चंडालिया, योगेन्द्र पाल, षिवम दुबे, महेष कुमार बोहित, त्रिलोकनाथ गोयल, ऋचा तोमर, सलोनी अग्रवाल जिला अभियोजन कार्यालय के अधिकारीगण, विभिन्न विभाग के पदाधिकारीगण, जिला न्यायालय एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम पैनल अधिवक्ता, मीडिएटर, पैरालीगल वालेंटियर एवं कार्यालयीन कर्मचारीगण एवं पक्षकारगण उपस्थित रहें। नेशनल लोक अदालत में प्रस्तुत होने वाले प्रकरणों के निराकरण हेतु 24 न्यायिक खण्डपीठों का गठन किया गया था, जिनके द्वारा न्यायालयों में लंबित कुल 518 प्रकरणों का निपटारा किया गया, साथ ही विभिन्न विभागों से संबंधित 1583 प्रीलिटिगेशन प्रकरण निपटाये गये। इसी के साथ न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में लगभग 61776992 /- के अवार्ड पारित किये गये, तथा विभागीय प्रकरणों में लगभग 12255361/-रूपये की वसूली हुई। इस नेशनल लोक अदालत में मोटर दुर्घटना दावा, चैक बाउंस, शमनीय अपराध, वैवाहिक मामलें, विद्युत चोरी से संबंधित मामलों के साथ-साथ सिविल तथा राजस्व मामलें निपटारे के लिए रखे गये थे। नेशनल लोक अदालत में प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय नर्मदापुरम ( दीपक गुप्ता ) के समक्ष लंबित भरण पोषण के प्रकरण सीता (परिवर्तित नाम) बनाम राम (परिवर्तित नाम) में पति-पत्नि दोनो के मध्य आपसी राजीनामा हो गया दोनो पति पत्नि आपस में करीब 9 माह से एक दुसरे से पृथक निवास कर रहे थे। दोनो का विवाह दिनांक- 21.04.2015 को सामाजिक हिन्दु रीति रिवाज के अनुसार संपन्न हुआ था। सीता (परिवर्तित नाम) के अनुसार उसके साथ राम (परिवर्तित नाम) छोटी छोटी बातो को लेकर विवाद किया करता था शराब पीकर अपषब्दो का प्रयोग करता था, इस कारण सीता (परिवर्तित नाम) मजबुरी वष अपने मायके आकर रहने लगी थी, इसके बाद सीता (परिर्विर्तत नाम) द्वारा राम (परिवर्तित नाम) के विरूद्ध भरण पोषण हेतू मामला कुटुम्ब न्यायालय नर्मदापुरम के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। काफी प्रयासो एवं समझाईष के बाद 08.03.2025 को लोक अदालत में दोनो के द्वारा प्रकरण में राजीनामा कर लिया और अंततः दोनो आपस में खुषी-खुषी रहने के लिये तैयार हो गई। प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय नर्मदापुरम (दीपक गुप्ता) के समक्ष लंबित एक अन्य प्रकरण जिसमें गीता (परिवर्तित नाम) बनाम राजेश (परिवर्तित नाम) के मध्य लोक अदालत के माध्यम से राजीनामा हो गया और दोनो पति पत्नि आपस में दाम्पत्य जीवन निर्वाह करने हेतू तत्पर हुए। गीता और राजेश का विवाह दिनांक- 18.01.2023 को संपन्न हुआ था विवाह के बाद राजेश एवं उसके परिवार के लोग गीता को विवाह में कम दहेज दिया है कहकर परेषान करने लगे एवं शारीरिक मानसिक रूप से प्रताडित करने लगे जिससे मजबुरी वष गीता अपने मायके में दिनांक- 08.06.2024 से निवास कर रही थी, इसके बाद गीता द्वारा राजेश के विरूद्ध भरण पोषण हेतू प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय नर्मदापुरम के समक्ष एक याचिका प्रस्तुत की गई थी। राजेश द्वारा अपनी पत्नि गीता को अपने साथ रखने हेतू धारा- 9 हि0वि0अ0 की याचिका प्रस्तुत की गई, जिसके बाद अनावेदक के अधिवक्ता अनुप सिंह तोमर, ऋचा तोमर एवं सलोनी अग्रवाल द्वारा उभयपक्षो को सुलह समझाइष दिये जाने उपरांत दोनो ने प्रधान न्यायाधीष कुटुम्ब न्यायालय नर्मदापुरम के समक्ष समझौता प्रस्तुत कर एक साथ दाम्पत्य संबंध निर्वाह किये जाने हेतू अपनी सहमति दी और अंततः दोनो आपस में खुषी-खुषी रहने के लिये तैयार हो गई। एक अन्य मामले में तीन देवरो का उनकी भाभी से लडाई झगडा हो गया था, जिसमें देवरो द्वारा उनकी भाभी के साथ गाली गलौज, मारपीट एवं जान से मारने की धमकी दी थी, जिसके बाद भाभी द्वारा अपने देवरो के खिलाफ थाना-देहात नर्मदापुरम में रिपोर्ट दर्ज कराई थी, जिसका विचारण मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी (फिरोज अख्तर) द्वारा किया जा रहा था, जिसमें आज 08.03.2025 को उभयपक्ष न्यायालय के समक्ष उपस्थित हुए। आरोपियों की भाभी द्वारा उदारता दिखाते हुए महिला दिवस के अवसर पर अपने तीनो देवरो को क्षमा करते हुए न्यायालय के समक्ष राजीनामा हेतु अपनी सहमति दी, जिसके आधार पर तीनो आरोपी देवरो पर लंबित मामला समाप्त किया गया। मोटर दुर्घटना दावा के 10 प्रकरण निराकृत जिनमें 11775000/- रुपये के अवार्ड पारित हुआ, चैक बाउंस के मामलें के 155 प्रकरण निराकृत जिनमें 35300696/- रुपये के अवार्ड पारित हुआ, आपराधिक शमनीय प्रकरण के 163 प्रकरण निराकृत, वैवाहिक मामले के 48 मामलें निराकृत, विद्युत चोरी के मामले: 71 लंबित प्रकरण निराकृत 1009 प्रीलिटिगेशन निराकरण 1758155 रुपये की वसूली लंबित मामलों में तथा 8144490/- रूपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में, संपत्ति कर के -168 मामलों में 2017012/-, जलकर के 104 मामलों 948515/- रुपए, बैंक रिकवरी के 27 मामलों में 812600/- रुपये की वसूली प्रीलिटिगेशन मामलों में। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण नर्मदापुरम के सचिव विजय पाठक ने बताया कि इस नेशनल लोक अदालत से न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में कुल 518 प्रकरणों का एवं विभिन्न विभागों के 1543 प्रकरणों का निराकरण किया गया लोक अदालत में पक्षकारों में व्याप्त मतभेद हमेशा के लिए खत्म हो गया है। लोक अदालत में पक्षकारों के धन एवं समय दोनों की बचत होती है तथा उसे लंबी न्यायिक प्रक्रिया से भी छुटकारा मिल जाता है।
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