– रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित अद्वितीय कृति है उपन्यास, लेखक राजकुमार चन्दन की ऐतिहासिक उपलब्धि
देवास। साहित्य जगत के लिए यह एक ऐतिहासिक क्षण है कि विश्व शांति के उद्देश्य से लिखे गए भारतीय उपन्यास ‘आइ एम द टाइम’ को वर्ष 2025 के नोबेल साहित्य पुरस्कार के लिए नॉमिनेट किया गया है। इस महत्वपूर्ण कृति के लेखक ‘स्वर्ग की खोज’ जैसे चर्चित उपन्यास के रचयिता राजकुमार चन्दन हैं। यह उपन्यास केवल एक कथा नहीं, बल्कि एक दर्शन है, जो वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए एक स्थायी शांति का मार्ग प्रशस्त करता है। यह उपन्यास रूस-यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि पर आधारित है और इसमें लेखक ने विश्व शांति की स्थापना के लिए गहन विचार प्रस्तुत किए हैं। इसमें न केवल युद्ध के कारणों और प्रभावों का विश्लेषण किया गया है, बल्कि उन्होंने ऐसी स्थायी रणनीतियां भी सुझाई हैं, जो संपूर्ण विश्व के लिए उपयोगी साबित हो सकती हैं।
श्री चन्दन लंबे समय से विश्व शांति के लिए लेखन कर रहे हैं। उन्होंने अपनी लेखनी को एक मिशन के रूप में अपनाया है और उनका संपूर्ण साहित्य मानवता की सेवा के लिए समर्पित है। उनकी इस निष्ठा और लेखन क्षमता के कारण उनके नाम अब तक पाँच विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो चुके हैं। देवास जैसे ऐतिहासिक शहर से संबंध रखने वाले इस लेखक का नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन केवल देवास या मध्यप्रदेश के लिए ही नहीं, बल्कि संपूर्ण भारत के लिए गर्व का विषय है। संभवत: यह पहली बार है जब शहर के किसी लेखक का ऐसा साहित्यिक कार्य विश्व शांति के संदर्भ में इतनी बड़ी मान्यता के लिए प्रेषित किया गया हो।
युद्ध के अंधकार में शांति का संदेश
आज जब पूरी दुनिया वैश्विक तनाव, तृतीय विश्व युद्ध की आहट और परमाणु युद्ध के खतरों से जूझ रही है, तब यह उपन्यास शांति की एक नई राह दिखाता है। यह केवल युद्ध और उसके प्रभावों का चित्रण नहीं करता, बल्कि विश्व के प्रत्येक नागरिक और राष्ट्र के लिए एक ऐसा मार्ग सुझाता है, जिससे संपूर्ण मानवता सुख, समृद्धि, शांति और सुरक्षा की ओर बढ़ सके। लेखक का यह दृष्टिकोण प्राचीन भारतीय विचारधारा ‘वसुधैव कुटुंबकम’ से प्रेरित है, जिसका अर्थ है – ‘संपूर्ण विश्व एक परिवार है।’ इस दर्शन को आधार बनाकर उपन्यास में यह दिखाया गया है कि यदि सभी राष्ट्र और नागरिक परस्पर सहयोग और समझदारी से काम लें, तो संपूर्ण विश्व एक सशक्त, शांतिपूर्ण और समृद्ध समाज में बदल सकता है।
तीन भाषाओं में प्रकाशित हुई कृति
साधना कुंज पब्लिकेशन, मध्यप्रदेश द्वारा यह उपन्यास हिन्दी में ‘मैं समय हूँ’, अंग्रेजी में ‘आइ एम द टाइम’ और मराठी में ‘मी वेळ आहे’ नाम से तीन भाषाओं में प्रकाशित किया गया है। नोबेल पुरस्कार के लिए विशेष रूप से इसके अंग्रेजी संस्करण को नॉमिनेट किया गया है, जिससे यह विश्वभर में अधिक से अधिक पाठकों तक पहुंच सके। इस उपलब्धि पर साधना कुंज पब्लिकेशन के प्रकाशक ओमप्रकाश नवगोत्री ने लेखक राजकुमार चन्दन को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह केवल एक उपन्यास नहीं, बल्कि एक आंदोलन है, जो मानवता के हित में लिखा गया है। उन्होंने नोबेल पुरस्कार के लिए नॉमिनेशन प्रक्रिया में सहयोग करने वाले सभी व्यक्तियों का आभार व्यक्त किया और आशा जताई कि यह उपन्यास दुनिया भर में शांति का संदेश फैलाने में सफल होगा। यह जानकारी विशाल जलोरे ने दी।
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