– जनसुनवाई में पीड़ित परिवार ने ट्रांसफार्मर हटाने कलेक्टर से लगाई गुहार
अनोखा तीर, हरदा। मंगलवार को जिला मुख्यालय स्थित जिला पंचायत में आयोजित जनसुनवाई में एक युवक अपने परिवार के साथ कलेक्टर आदित्य सिंह से समस्या के समाधान के लिए गुहार लगाने पहुंचा। युवक ने अपने घर के सामने लगे ट्रांसफार्मर को हटाने की मांग करते हुए ट्रांसफार्मर में आए दिन आग लगने से अपने परिवार को खतरा बताया। इस दौरान युवक के साथ उसकी मां, गर्भवति पत्नि और एक बेटा जिसकी उम्र लगभग ६ साल और एक बेटी जिसकी उम्र लगभग ८ साल भी मौजूद थी। मामला शहर की जोशी कालोनी स्थित सादानी कम्पाउण्ड निवासी रूपा बाई चौहान के घर के सामने लगे ट्रांसफार्मर का है। रूपा बाई के बेटे सुनिल चौहान ने कलेक्टर को आवेदन देते हुए बताया कि उनके घर के सामने एक ट्रांसफार्मर लगाया गया है जो कि पूर्व में रोड के मध्य लगा हुआ था। उस ट्रांसफार्मर में आए दिन आग लग जाती है और चिंगारियां निकलती है, मेरे छोटे-छोटे बच्चे है जिस कारण हमें हमेंशा ट्रांसफार्मर से खतरा बना रहता है। अगर ट्रांसफार्मर के कारण हमारे परिवार के किसी भी सदस्य को कुछ होता है तो इसका जिम्मेदार बिजली विभाग रहेगा। हमारें द्वारा पहले भी कई बार इस संबध में आवेदन दिए गए, लेकिन हमारी कोई नहीं सुन रहा है। हमारी मांग है कि हमारे घर के सामने से ट्रंासफार्मर हटाकर हमें रास्ता दिया जाए। इस दौरान आवेदक ने अपने फोन पर ट्रांसफार्मर में लगी आग और गिरते अंगारों का विडियों भी दिखाया। जिसमें ट्रंासफार्मर पटाके के आवाज करते हुए जलता दिखाई दे रहा है। जिसके बाद जिला कलेक्टर द्वारा मामले को दिखवाने का आवश्वासन दिया गया है।
विद्युत विभाग का तर्क
इस मामले में जब विद्युत विभाग जाकर जानकारी चाही गई तो हमें वही अधिकारी मिले जो जनसुनवाई में विभाग की ओर से मौजूद थे। उन्होंने बताया कि जनसुनवाई में जो शिकायती आवेदन दिया गया है। वह ट्रांसफार्मर आठ साल पहले शिफ्ट किया गया था। उस समय आवेदक द्वारा कोई आपत्ति नहीं ली गई थी, अगर उस समय आवेदक आपत्ति लेते तो वह ट्रांसफार्मर वहा नहीं लगता। विद्युत नियमों के अनुसार घर से ट्रांसफार्मर ३ फीट की दूरी पर होना चाहिए और आवेदक के घर से वह ट्रंासफार्मर ७ फीट की दूरी पर है। ट्रंासफार्मर हटवाने के लिए तय शुल्क का वहन आवेदक को करना होगा। साथ ही जहां ट्रांसफार्मर लगना है वहां यदि कोई आपत्ति आती है तो उसका हल भी आवेदक द्वारा ही करवाना होता है। इस मामले में आवेदक की स्थिति ऐसी नहीं है कि वह खर्च का वहन कर सके। जहां तक ट्रांसफार्मर में आग लगने जैसी घटना है तो उसको दुरूस्त कराने की जिम्मेदारी विभाग की है और उसको दिखवाकर समस्या को दूर कर दिया जाएगा। शहर सहित जिले में कई ट्रांसफार्मर लगे है जहां ऐसी कोई घटना नहीं हो रही है। ट्रंासफार्मर में आग लगने का कारण कोई फाल्ट हो सकता है जिसको दिखवा कर दूर किया जाएगा। आवेदक के आवेदन पर उचित कार्रवाई नियमानुसार की जाएगी।
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