– तबादला बोर्ड के औचित्य पर सवाल
-मैनेजमेंट के खेल में सीसीएफ पदम प्रिया की अनदेखी
गणेश पांडे, भोपाल। लंबे अरसे बाद पिछले दिनों जंगल महकमे में 38 आईएफएस अफसर के स्थानांतरण के आदेश जारी हुए। इसमें कई विसंगतियां उजागर हुई। मसलन, भारतीय वन सेवा के कैडर में भोपाल वन मंडल में वन संरक्षक स्तर के अधिकारी की पदस्थापना का प्रावधान है, किंतु विभाग ने वन संरक्षक आलोक पाठक को हटाकर 2018 बैच के आईएफएस लोकप्रिय भारती की पदस्थापना कर दी गई। जबकि भारती पर अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरतने की वजह वेतन-भत्तों के फर्जी भुगतान होने का आरोप है। वहीं मैनेजमेंट के खेल में योग्य आईएफएस नहीं मिलने के कारण इंदौर सीसीएफ के पद को रिक्त रखा गया है। जबकि सीसीएफ पदम प्रिया इंदौर में ही कार्यरत है उनकी पोस्टिंग की जा सकती है। यहां तक कि उन्हें वनवृत्त का प्रभार तक नहीं दिया गया। इसी वजह से तबादला बोर्ड के औचित्य पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं। सूत्रों का कहना है कि स्थानांतरण सूची जारी करने से पहले मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली तबादला बोर्ड में विस्तृत चर्चा नहीं हुई। बोर्ड में चर्चा के नाम पर केवल रस्म अदायगी की गई। वरना कैडर विरुद्ध भोपाल वन मंडल में पदस्थापना कैसे संभव हो पाती। भोपाल वन मंडल में कैडर के विरुद्ध पोस्टिंग कर दी गई और तबादला बोर्ड की अध्यक्ष खामोश रहीं, यह शोध का विषय है। प्राय: यह होता रहा कि भोपाल वन मंडल में पोस्टिंग वन संरक्षक अथवा सीनियर डीएफओ की होती रही है। गौरतलब तथ्य यह भी है कि भारती जब सहायक वन संरक्षक सामाजिक वानिकी में पदस्थ रहे तब उनकी लापरवाही के कारण वेतन-भत्ते भुगतान में गड़बड़ी हुई है। यानि वेतन-भत्ते मद से 12. 50 लाख रुपए का संदिग्ध भुगतान कर दिया गया। इस प्रकरण में संजय महाजन कंप्यूटर ऑपरेटर और रामकुमार ठाकुर वनरक्षक को कई माह जेल में रहना पड़ा है और अब भारती की प्राइम पोस्टिंग के तहत भोपाल का डीएफओ बना दिया गया। एसीएस और विभाग प्रमुख को गड़बड़झाले की जानकारी होते हुए चुप रहे। अब भारती की भोपाल में हुई पोस्टिंग पर कई सवाल उठने लगे हैं। यही नहीं, भारती को भोपाल वन मंडल के साथ-साथ रायसेन उत्पादन, पर्यावरण वानिकी वन मंडल और विदिशा वन मंडल का भी प्रभार दिए जाने की चर्चा है।
इंदौर वन वृत में सीसीएफ क्यों नहीं?
इंदौर में पदस्थ प्रभारी एपीसीसीएफ क्षेत्रीय वर्किंग प्लान एवं मुख्य वन संरक्षक पदम प्रिया जनवरी में एपीसीसीएफ के पद पर प्रमोट हो जाएंगी। ऐसे में इंदौर वन वृत्त में सीसीएफ के पद पर उनकी पोस्टिंग होना, हक और नैतिकता का तकाजा है। चर्चा है कि इंदौर सर्किल में सीसीएफ पद पर पदम प्रिया की पोस्टिंग इसलिए नहीं हो रही कि क्योंकि वह न तो पोस्टिंग कराने का मैनेजमेंट जानती है और न ही उन्हें मंत्री, नेता और शीर्ष अफसर की गणेश परिक्रमा करनी आती है। अलबत्ता, वे एपीसीसीएफ के पद पर पदोन्नति होने से पहले सर्किल में सीसीएफ पदस्थ किए जाने के लिए एसीएस और हॉफ से आग्रह कर चुकीं है।
दीक्षित का तबादला हो सकता है संशोधन
पिछले दिनों जारी तबादला आदेश में स्वरूप रविंद्र दीक्षित का स्थानांतरण मुरैना से डीसीएफ ईको पर्यटन विकास बोर्ड भोपाल किया गया। जबकि वे दमोह जाना चाहते थे। स्थानांतरण सूची में हुए कई बदलाव के चलते एसीएस ने दीक्षित की जगह जरान्डे ईश्वर रामहरि का नाम डीएफओ दमोह के लिए जोड़ दिया। एक शिकायत के चलते डीएफओ अभिनव पल्लव का स्थानांतरण उत्तर बालाघाट से बालाघाट उत्पादन कर दिया गया। जबकि वह दक्षिण बालाघाट के लिए मंत्री तक अपनी अर्जी लगा दी थी। दक्षिण बालाघाट में ऐसे डीएफओ की पोस्टिंग की गई है, जिसके खिलाफ विभागीय जांच चल रही है। कम समय की सेवा में इनका ट्रेक रिकॉर्ड खराब है। इसी प्रकार विभागीय जांच के चलते ही नवीन गर्ग की पदस्थापना डीसीएफ ईको पर्यटन बोर्ड से डीएफओ उत्तर बैतूल कर दी गई।