शहर की यातायात व्यवस्था फेल, सड़कों पर जहां-तहां खड़े वाहनों से लगता जाम

आए दिन राहगीरों को होना पड़ता है परेशान, कई बार बनती है विवाद की स्थिति



अनोखा तीर, हरदा।
शहर में इन दिनों यातायात व्यवस्था पूर्ण रूप से फेल हो गई है। सड़कों पर जहां-तहां वाहनों को खड़े देखा जा सकता है। इन अव्यवस्थित खड़े वाहनों से आए दिन जाम की स्थिति बनती है और राहगिरों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। कई बार तो जाम में फंसे लोगों में  वाहन निकालने की बात पर विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती है। शहर की मुख्य सड़कों सहित अन्य सड़कों के भी यही हाल है। किसी भी सड़क से गुजरों आपको दो पहिया से लेकर चारपहिया तक के वाहन जहां-तहां खड़े दिखाई देंगे जो रास्ते को अवरूद्ध करते है। यातायात पुलिस द्वारा इस ओर बिल्कुल भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। अगर ध्यान दिया जाता तो शहर में इस तरह के हालात ना बनते। पुलिस केवल चौराहों पर सक्रिय दिखाई देती है। शहर के अन्दर सड़कों के क्या हाल है? और यातायात की क्या व्यवस्था है ? उनको इससे कोई मतलब नहीं है। वाहन के जहां-तहां पार्किंग करने से ट्रैफिक की समस्या आम हो गई है। लोग बाजार क्षेत्र में भी बाइक सड़क पर लगा देते हैं । जिससे बाजार में गुजरना लोगों को मुश्किल हो जाता है। ट्रैफिक की लचर व्यवस्था से पुलिस प्रशासन भी निजात दिलाने में अब तक विफल साबित हुआ है । शहर की यातायात व्यवस्था हाल के दिनों में पूरी तरह चौपट हो गई है। मुख्य बाजार घंटाघरा सड़क के हालात तो यह है कि यहां हर पांच मीनट में जाम की स्थिति बन जाती है।  शहर का छिपानेर रोड खंडवा बायपास से जिला अस्पताल चौराहे तक  कई वाहन आधी सड़क को घेरे खड़े दिखाई देते है। प्रताप टाकिज से घंटाघर तक के मार्ग पर भी कई वाहन सड़क पर खड़े दिखाई देते है।  खेड़ीपुरा से घंटाघर चौक तक की सड़क के भी यही हालात है।  चौराहों पर लगे सिग्रल लम्बे समय से बंद पड़े है। इस ओर भी किसी जिम्मेदार का कोई ध्यान नहीं है। यातायात पुलिस को चाहिए की वह इस ओर ध्यान देकर यातायात व्यवस्था में सुधार करें जिससे लोगों की परेशानी कम हो सके।

सटीक प्लान बने.. तो बने बात
शहर में यदि यातायात व्यवस्था को पटरी पर लाना है तो इसके लिए जिम्मेदारों को एक सही और सटीक प्लान बनाकर उस पर कार्य करने की जरूरत है। एक सटीक प्लान तैयार कर उसको धरातल में उतरना होगा। तभी जाकर शहर को ट्राफिक की समस्या से निजात दिलाई जा सकती है। साथ ही लोगों को भी यातायात के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। लोगों को यह समझना होगा की शहर की यातायात व्यवस्था को बनाए रखने के लिए पुलिस के साथ-साथ उनकी भी यह नैतिक जिम्मेदारी है। अपने वाहनों को तय स्थान पर ही खड़ा करना चाहिए।

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