ठेकेदार नहीं भरे नलजल योजना अंतर्गत खोदे गए गड्ढे, योजना के काम में सड़क और नालियां खराब
सड़क और नालियों में फैली गंदगी से पनप रहे मच्छर। ग्रामीणों को सता रहा बीमारियां फैलने का डर
सेमरी हरचंद- जिले में बारिश के मौसम के दृष्टिगत डेंगू मलेरिया जैसी मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए कलेक्टर सोनिया मीणा के निर्देश अनुसार मलेरिया विभाग द्वारा अभियान के रूप में जिले में डेंगू की रोकथाम बचाव एवं सावधानियों के संबंध में आम जन को जागरूक करने के लिए व्यापक प्रचार प्रसार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ कई जगह नालियों और सड़कों पर गंदा पानी और कचरा भरा हुआ है। जल जीवन मिशन अंतर्गत पाइपलाइन डालने बीच सड़क पर खोदी गई नालियों को अभी तक पूरी तरह भरा नहीं गया हैं और मेन पाइप लाइन मैं कनेक्शन के लिए जगह जगह गड्ढे खोदे जा रहे हैं जिनका कार्य महीना बीत जाने के बाद भी पूरा नहीं हो पाया है। बात करें ग्राम जमुनिया के वार्ड क्रमांक 13 की यहां चौराहे पर नल जल योजना का कार्य कर रहे ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा करीबन 3 फीट गहरे और 3 फीट चौड़े गड्ढे रोड के बिल्कुल बीचों-बीच किये गए थे जिनमें से कुछ को मिट्टी डालकर पूर दिया है तो कुछ गड्ढे अभी खुदे ही पड़े हैं जिनमें पानी भरा रहा है। जो रात के अंधेरे में लोगों को दिखाई नहीं देते गड्ढों के आसपास बैरिकेट्स भी नहीं लगाए गए हैं जिससे लोगों को गड्ढा दिखाई नहीं देता जिसके कारण यहां से निकलने वाले ग्रामीणों ने इस रोड से आना जाना ही बंद कर दिया है। क्योंकि कई बार ग्रामीण मोटरसाइकिल सहित गड्ढे में गिर जाते हैं यहां से स्कूल के छोटे-छोटे बच्चे भी निकलते हैं लेकिन इसकी किसी को भी कोई परवाह नहीं है। ठेकेदार द्वारा कार्य में इतनी लापरवाही की जा रही है कि इनके द्वारा खोदी गई नालियों और गड्ढों के कारण सड़कों पर जगह-जगह कीचड़ हो रही है और कई सड़क दलदल में तब्दील हो रही है। अब बरसात के मौसम में ठेकेदार के कर्मचारियों द्वारा किए गए गड्ढे लोगों की परेशानियों का कारण बने हुऐ है। ग्रामीणों द्वारा सीएम हेल्पलाइन पर शिकायत की जाती है परंतु उनका भी कोई हल नहीं निकल पा रहा है स्थानीय निवासी चंद्रकांत गढ़वाल ने बताया कि सीएम हेल्पलाइन 181 पर मेरे द्वारा शिकायत की गई है मुझे शिकायत उठाने के लिए कहा जा रहा है परंतु इनके द्वारा सड़क के गड्ढे भरकर मरम्मत नहीं की जा रही है पाइपलाइन में जगह-जगह लीकेज होने के कारण ग्रामीणों के घरों में मट मैला पानी आता है जिससे बीमारियों का डर भी रहता है जिससे ग्रामीण परेशान है और पैदल एवं अपने दो पहिया वाहनों से आवा गमन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।