-वनग्राम जोगा का शासकीय शाला में असुविधाओं का अंबार
अनोखा तीर, हंडिया। प्रदेश सरकार शिक्षा को लेकर स्कूल चले हम, बेटी बचाव-बेटी पढ़ाओ, सर्व शिक्षा अभियान जैसी अनेक योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। वहीं दूसरी तरफ हरदा जिले के वन ग्राम के जोगा की शासकीय माध्यमिक विद्यालय में स्वयं विद्यालय के शिक्षक ही बाउंड्रीबाल के अभाव के चलते मवेशियों का गौबर फेकने तथा स्कूल में बालिकाएं अपनी कक्षाओं में झाड़ू लगाने पर विवश हैं।

मनमर्जी से खुलती हैं स्कूल
हंडिया संकुल क्षेत्र में ऐसी अनेक शिक्षण संस्थाएं है, जहां मनमर्जी से स्कूल के ताले खुलते हैं और बंद होते हैं। वन ग्राम जोगा की शासकीय माध्यमिक शाला की बात कि जाये तो शिक्षा परिसर के बाहर ताले खुलने के इंतेजार में बालक बालिकाएं साफ सफाई करते दिखाई दे रहे हैं और जिले में बैठे जिम्मेदारों ने कभी जर्जर, हालत में पड़े भवनों छत से टपकता बरसात के पानी व प्लास्टर और शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया। इस संबंध में ग्रामीणजनों का साफ तौर पर कहना है कि हंडिया क्षेत्र के उन्ढाल, रामपुरा, नानी जोगा, बाबर आदि वनांचल की शिक्षण संस्थाओं में भवनों की हालत इतनी दयनीय है कि बरसात के दिनों में छतों से पानी के साथ प्लास्टर टपकता है। अनेकों मर्तबा इस संबंध में जिले में बैठे जिम्मेदारों का भी समय समय पर ध्यान दिलाने का प्रयास किया गया, मगर किसी ने भी इस समस्या को गंभीरता से नहीं लिया। वन ग्राम जोगा की शासकीय माध्यमिक विद्यालय की बात कि जाए तो वहां विद्युत कनेक्शन तो लगा है। मगर प्रधान पाठक के कक्ष में नंगे तारो का जाल बिछा रखा है। जहां से कक्षाओं को तारो से सप्लाई दे रखी है।
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