– लोकनाथ-क्रांति कंपनी में काम करने वाले मजदूरों के लिए बयान
अनोखा तीर, सारनी। स्थानीय ठेकेदारों का रोजगार छीनकर सीएचपी में कब्जा जमाने वाली लोकनाथ और क्रांति कंपनी पर प्रशासन ने शिकंजा कसना शुरु कर दिया है। इन दोनों कंपनियों द्वारा नियम विरुद्ध कम दर पर कार्य कराने की लिखित शिकायत कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी से की गई थी। शिकायत मिलने के बाद गुरुवार श्रम विभाग का जांच दल के सतपुड़ा पावर प्लांट पहुंचते ही हड़कंम मच गया। जांच दल की टीम ने सतपुड़ा पावर प्लांट और कोल हैंडलिंग सिस्टम में ऑपरेशन मेंटेनेंस का काम करने वाली लोकनाथ कंपनी द्वारा पिछले लगभग 3 साल का लेखा-जोखा मांग लिया। श्रम विभाग को शिकायत मिली थी कि वर्षों से कंपनी द्वारा ठेका श्रमिकों के शोषण किया जा रहा है। जिसको लेकर ठेका श्रमिकों एवं श्रम संगठन ने भी ज्ञापन दिया है। हैंडलिंग सिस्टम में ऑपरेशन मेंटेनेंस का काम करने वाली कोलकाता की क्रांति कंपनी में भी शोषण का मामला पिछले कई समय से चल रहा था। इस विषय को भी श्रम संगठनों द्वारा गंभीरता पूर्वक उठाया गया था। बताया जाता है कि भारतीय मजदूर ठेका श्रमिक संघ द्वारा मैनेजिंग डायरेक्टर के नाम मुख्य अभियंता को ज्ञापन दिया गया था। जिसमें श्रमिकों को उनकी कैटेगरी के विपरीत वेतन दिए जाने का उल्लेख किया गया था। बताया जाता है कि श्रम विभाग के जांच दल के अधिकारी गुरुवार दोपहर 3 बजे सतपुडा प्लांट पहुंचे। उन्होंने कोल हैंडलिंग प्लांट में जाकर ठेका श्रमिकों से शिकायत के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की। कंपनी में कार्य करने वाले मजदूरों ने बताया कि बीते 7 वर्षों से अधिक समय से कार्यरत हैं। पहले हमारा वेतनमान ज्यादा था और अब कम है हम लोग प्लांट ऑपरेट करते हैं जो कुशल श्रेणी में आने के बावजूद भी हमें अर्ध कुशल का वेतनमान दिया जाता है। जांच स्थल पर कंपनी द्वारा बाहरी श्रमिकों के भी बयान भी लिए गए। मजदूरों ने बताया कि बाहर के स्किल्ड ठेका श्रमिक को 25 हजार और स्थानीय ठेका श्रमिक को 12 हजार रुपए दिया जाता है। वहीं जांच दल ने देर शाम क्रांति कंपनी में काम करने वाले ठेका श्रमिकों के पास पहुंचकर उनके भी बयान दर्ज किए हैं। श्रमिकों ने कहा कि हमारा वेतनमान हेल्पर के बराबर है और हमसे ओवर टाइम भी कराया जाता है। भुगतान करने की बजाए छुट्टियां देकर काट दिया जाता है।
इनका कहना है…
लोकनाथ एवं क्रांति कंपनी के कार्यस्थल पर जाकर ठेका श्रमिकों के बयान लिए गए हैं। जिसमें कंपनी द्वारा श्रमिकों के वेतनमान में गड़बड़ियां पाई गई है। दोनों कंपनियों को नोटिस देकर जवाब मांगा जाएगा।
– अक्षय बानिया, प्रभारी जिला श्रम अधिकारी, बैतूल।
भारतीय मजदूर संघ श्रमिकों के हितों को लेकर सदैव लड़ता रहा है। कुशल श्रमिकों को अर्ध कुशल का वेतनमान देने के मामले में संघ जल्द श्रम मंत्री से मुलाकात करेगा।
– विनय डोंगर, विभाग प्रमुख भारतीय मजदूर संघ।
बैतूल से श्रम विभाग का दल निरीक्षण करने सारनी आया था। उन्होंने कार्यस्थल पर जाकर श्रमिकों से चर्चा की है। उनसे मम मुलाकात नहीं हो पाई है।
– नरेश पंवार, श्रम कल्याण अधिकारी पावर प्लांट सारनी।
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